जानिए क्या होता है क्रायोजेनिक टैंक, जिसके बिना लिक्विड ऑक्सीजन को यहां से वहां ले जाना मुमकिन ही नहीं!
जानिए क्या होता है क्रायोजेनिक टैंक, जिसके बिना लिक्विड ऑक्सीजन को यहां से वहां ले जाना मुमकिन ही नहीं!

टीआरपी न्यूज डेस्क। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए इससे निपटने के लिए 24 क्रायोजेनिक टैंकरों का आयात किया जा रहा है। इन 24 में से 4 क्रायोजेनिक टैंक तो टाटा समूह के लिए भारतीय वायुसेना के जरिए सिंगापुर से भारत लाए भी जा चुके हैं और बाकी 20 टैंक भी जल्द ही लाए जाएंगे।

आइए जानते हैं क्या होते हैं क्रायोजेनिक टैंक और कैसी होती है इसकी बनावट

क्रायोजेनिक टैंक ऐसा टैंक होता है, जिसमें बहुत अधिक ठंडे लिक्विड रखे जाते हैं, जैसे लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन। लिक्विड ऑक्सीजन बहुत ही अधिक ठंडी होती है। इसका स्तर -185 डिग्री के करीब होता है जो ऑक्सीजन के उबलने का स्तर होता है। क्रायोजेकिन टैंक में उन गैसों को रखा जाता है, जिनका उबलने का स्तर -90 से अधिक होता है, जैसे ऑक्सीजन।

कैसा होता है क्रायोजेनिक टैंक?

दिखने में तो क्रायोजेनिक टैंक भी किसी आम गैस टैंक जैसा ही लगता है, लेकिन इसकी बनावट में बहुत बड़ा अंतर होता है। इसे वैक्यूम बॉटल के सिद्धांत पर बनाया गया होता है। इस टैंक में दो तगड़ी परतें होती हैं, एक अंदर की और एक बाहर की परत।

अंदर की परत वाले टैंक में लिक्विड ऑक्सीजन गैस भरी होती है, जबकि बाहर की परत अंदर की परत से थोड़ी दूरी पर होती है। दोनों परतों के बीच में से हवा को निकाल दिया जाता है और वैक्यूम जैसी स्थिति पैदा कर दी जाती है, ताकि बाहर की गर्मी का गैस के तापमान पर कोई असर ना हो।

क्यों आई क्रायोजेनिक टैंक आयात करने की नौबत?

क्रायोजेनिक टैंक की जरूरत दो वजहों से होती है। इसकी पहली जरूरत तो लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए होती है और दूसरी जरूरत होती है इसके स्टोरेज के लिए। तमाम अस्पतालों में स्टोरेज को तो जैसे-तैसे मैनेज किया जा सकता है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन के लिए इसकी जरूरत बहुत अधिक थी। वहीं अचानक से ऑक्सीजन की बढ़ी मांग की वजह से भारत में क्रायोजेनिक टैंक की दिक्कत हो गई, क्योंकि ये कोई ऐसी चीज नहीं, जिसे अचानक से बनाया जा सके।


ब्ता दें कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग बहुत ही कम मात्रा में होती है। जनवरी-फरवरी के दौरान जब कोरोना का असर कम होता दिखा तब तो सिलेंडर्स की मैन्युफैक्चरिंग भी कम कर दी गई थी, लेकिन बाद में अचानक से डिमांड बढ़ी, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग अचानक से नहीं बढ़ाई जा सकी।

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