टीआरपी डेस्क। Navratri Second Day : शारदीय नवरात्र पर्व 2020 के दूसरे दिन ( Navratri Second Day ) यानि 18 अक्टूबर को माँ ब्रह्मचारिणी ( Maa brahmacharini ) की पूजा-अर्चना की जाएगी। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी ( Maa brahmacharini ) का अर्थ तप का आचरण करने वाली होता है। इन्होंने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसलिए इन्हें तपश्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है।

इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए भी साधना करते हैं। जिससे उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से कर सकें।

देवी ब्रह्मचारिणी पूजन विधि

देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए स्नान आदि के बाद शांत चित्त से उनकी आराधना करें। शारदीय नवरात्रि में मां ब्रह्मचारिणी ( Maa brahmacharini ) की पूजा में चंपा, गुड़हल का फूल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उन्हें दूध व दूध से बने व्यंजनों का भोग लगाएं।

इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है लेकिन अभी शादी नहीं हुई है। इन्हें अपने घर बुलाकर पूजन के पश्चात भोजन कराकर वस्त्र, पात्र आदि भेंट किए जाते हैं। इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना

इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी ( Maa brahmacharini ) देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। इस देवी की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए।

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