ऑनलाइन गेमिंग- 12 साल के बच्चे ने गेम के लेवल को अपग्रेड करने के चक्कर में उड़ा दिए 3.22 लाख रुपए

टीआरपी डेस्क। ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया अब बच्चों के लिए खतरनाक तो है। मगर अब यह परिजनों पर भी भारी पड़ने लगी है। छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक महिला के खाते से तीन माह में 3.22 लाख रुपए निकल गए। महिला को जब इसकी जानकारी मिली तो ऑनलाइन ठगी की आशंका से FIR दर्ज कराई।

जब इस मामले की जांच की गई तो चौकाने वाला खुलासा हुआ कि महिला के ही 12 साल के बच्चे ने गेम के लेवल को अपग्रेड करने की चक्कर में हथियार खरीद डाले। मामला पंखाजूर थाना क्षेत्र का है। बैंक से पता चला खाते से लिंक मोबाइल नंबर से ही रुपए ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम खेलने और गेमिंग लेवल को अपग्रेड करने में खर्च किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, पीवी 12 मिडिल स्कूल में टीचर शुभ्रा पाल के खाते से 8 मार्च से 10 जून के बीच 278 बार ट्रांजेक्शन हुआ। इस दौरान उनके खाते से 3.22 लाख रुपए निकल गए। इसे लेकर उन्होंने 11 जून को थाने में शिकायत की। खास बात यह रही कि रुपए निकलने के लिए उनके मोबाइल पर एक बार भी OTP नहीं आया।

खाते में लिंक मोबाइल नंबर से ही ट्रांसफर किए गए रुपए

बैंक से पता चला खाते से लिंक मोबाइल नंबर से ही रुपए ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम खेलने और गेमिंग लेवल को अपग्रेड करने में खर्च किया गया है। इस मोबाइल से महिला टीचर का 12 साल का बेटा ही ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ खेलता था। उससे पूछताछ की तो पता चला कि फ्री गेम खेलने के आदी हो चुके बच्चे ने अपग्रेड कर हथियार खरीदने की चक्कर में मां के मोबाइल नंबर से रुपए ट्रांजेक्शन करने शुरू कर दिए।

बच्चों पर नजर रखें, ऑनलाइन गेम की अच्छाई-बुराई दोनों बताएं

  • कोरोना के चलते खरीदी, पेमेंट के साथ पढ़ाई भी ऑनलाइन हो गई है। ऐसे में इससे बच्चे ज्यादा जुड़ रहे हैं।
  • बच्चों को मोबाइल पर ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने के साथ बच्चों को इसकी अच्छाई व बुराई दोनों बताएं।
  • मोबाइल इस्तेमाल करते समय बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखना जरूरी है।
  • ऑनलाइन रहने वाले बच्चों पर नजर रखने के साथ बैंक एकाउंट की जानकारी को उनसे दूर रखना चाहिए।
  • बच्चे मोबाइल में क्या खेल रहे हैं इसकी पूरी जानकारी परिजनों को रखनी चाहिए।
  • बच्चों को बताएं लापरवाही बरतने से वे साइबर क्राइम व ठगी के शिकार हो सकते हैं।
  • बेहतर है बच्चों को अपने सामने ही ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करने दें।
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