सुकमा में हुए मुठभेड़ पर उठे सवाल : गांववालों का आरोप- नक्सली नहीं, जवानों ने की फायरिंग, 9 लोगों की मौत
सुकमा में हुए मुठभेड़ पर उठे सवाल : गांववालों का आरोप- नक्सली नहीं, जवानों ने की फायरिंग, 9 लोगों की मौत

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित जिला सुकमा में सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ पर सवाल खड़े हो गए हैं।

गांववालों ने जवानो पर आरोप लगते हुए कहां है कि वहां नक्सली थे ही नहीं। जवानों ने फायरिंग की थी। जिससे 9 लोग मारे गए, जबकि कई घायल हुए हैं। वहीं बस्तर IG सुंदरराज पी. ने दावा किया है कि फायरिंग में 3 लोगों की मौत हुई है। उनके शव भी बरामद हुए हैं। अभी उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।

जवानों ने गांववालों को रोका तो विवाद हो गया

सुकमा-बीजापुर बार्डर पर स्थित सिलगेर गांव में पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों का कैंप लगाया गया है। गांववालों का आरोप है कि फोर्स ने हमारे जल, जंगल, जमीन पर कब्जा किया है। इसे लेकर गांव में नाराजगी है और वे इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को गांववाले तार की फेसिंग तोड़कर कैंप इलाके में घुसने की कोशिश करने लगे। जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। तभी गोलियां चलने की आवाज आने लगी और भगदड़ मच गई।

शव लेने गए तो फोर्स ने भगा दिया : गांववाले

साथ ही गांववालों का कहना है कि प्रदर्शन में करीब 5 हजार लोग जुटे थे। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं इसमें 9 लोग मारे गए। इनमें से 3 शव सुरक्षाबल के जवान ले गए, जबकि 6 गांव वाले ले गए। उनका यह भी कहना है कि जब वे फोर्स के पास शव लेने गए तो उन्हें धमकाकर भगा दिया गया।

अफसर बोले- नक्सलियों ने गांववालों का भड़काया

बस्तर IG सुंदरराज पी. ने पहले कहा था कि नक्सलियों ने गांववालों को भड़काया है, इसीलिए वे कैंप लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं।

सड़कें नहीं, एबुंलेंस भी नहीं आती

जहां मुठभेड़ हुई वह इलाका सालों से नक्सलियों के कब्जे में है। नक्सलियों को डर है कि कैंप स्थापित होने के बाद उन्हें यह जगह छोड़नी होगी। इस इलाके में सड़कें भी नहीं हैं। यहां गांव में जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती।

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