धुर नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीणों का पहली बार बना राशन कार्ड, अब आधार कार्ड और पासबुक बनाने की तैयारी
धुर नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीणों का पहली बार बना राशन कार्ड, अब आधार कार्ड और पासबुक बनाने की तैयारी

टीआरपी डेस्क। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में ऐसे अनेक गांव हैं जहां लोगों के पास परिचय पत्र भी नहीं है। ऐसे दूर दराज के गावों में लोगों को राशन कार्ड बना कर देने की शुरुआत प्रशासन ने की है। इसी के तहत जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित गुमियापाल पंचायत के लोगों को राशन कार्ड बना कर दिया गया। साथ ही ग्रामीणों से आधार कार्ड और बैंक खाते के लिए फार्म भी भरवाए गए।

दंतेवाड़ा जिले के बचेली तहसील के सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुमियापाल पंचायत पहुंचविहीन इलाके में आता है, यहां पहुंचने के लिए जंगल और पहाड़ की पगडंडियों का ही सहारा होता है। गुमियापाल पंचायत के आश्रित ग्राम बैंगपाल और बड्डेपली अपने पंचायत मुख्यालय से ही 20 किलोमीटर ले दूरी पीआर स्थित है। ग्रामीण बताते हैं कि सलवा जुडूम के बाद उनका इलाका नक्सल से और भी ज्यादा प्रभावित हो गया। प्रशासन से संपर्क नहीं होने के चलते इन ग्रामीणों के पास परिचय पत्र, आधार कार्ड या राशन कार्ड भी नही है।

20 किलोमीटर पैदल चलकर किरंदुल पहुंचे ग्रामीण

गुमियापाल पंचायत का इलाका पहुंच विहीन है, इसलिए प्रशासनिक अमला जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से लगभग 40 किलो की दूरी तय कर के बचेली तहसील के किरंदुल नगर पहुंचा। उधर ग्रामीण भी बीस किलोमीटर की दूरी तय करके किरंदुल पहुंचे। यहां पर सभी से राशनकार्ड के लिए फार्म भरवाया गया, और मौके पर ही इन्हें राशन कार्ड बनाकर बांटा गया।

अब हर हफ्ते लगेगा शिविर

ग्रामीणों को मौके पर ही राशन कार्ड बनाकर यहां मौजूद एस डी एम प्रकाश भारद्वाज ने 115 कार्ड वितरित किए। एसडीएम ने बताया की चूंकि किरंदुल में हर बुधवार को बाजार लगता है, इसलिए यह तय किया गया है कि अब हर बुधवार को यहां प्रशासन द्वारा कैंप लगाया जाएगा, और दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों को राशनकार्ड और अन्य दस्तावेज बनाकर दिए जायेंगे।

कलेक्टर की पहल पर चल रहा है काम

दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने अपनी पदस्थापना के बाद जाना कि यहां पर ऐसे अनेक नक्सल प्रभावित गांव है जहां के ग्रामीणों के पास राशन कार्ड तो दूर, कोई परिचय पत्र भी नहीं है। प्रशासन ने पहल करते हुए ग्रामीणों से जन प्रतिनिधियों के माध्यम से संपर्क किया और उनके राशन कार्ड बनाने की पहल शुरू हुई है।

प्रशासन के व्यवहार से प्रभावित हुए ग्रामीण

लगभग 20 किलोमीटर दूर चल कर आए ग्रामीणों के लिए यहां भोजन का इंतजाम किया गया। इस मौके पर एसडीएम ने ग्रामीणों के साथ ही बैठकर भोजन किया , इससे ग्रामीण काफी प्रभावित हुए। गुमिया पाल के इलाके के जनपद सदस्य राजूराम भास्कर ने बताया ग्रामीणों के पास परिचय पत्र नहीं होने के चलते हैं ना तो वह शहर के थे और न ही गांव के। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही थी पहचान पत्र नहीं होने के चलते पुलिस भी इन्हें परेशान करती थी अब राशन कार्ड और आधार कार्ड बन जाएंगे तो इन्हे कोई दिक्कत नहीं होगी।
इन ग्रामीणों को राशन कार्ड तो मिल गया है लेकिन अब राशन लेने के लिए भी इन्हें पैदल पैदल चलना पड़ेगा।इसलिए वे गांव में ही राशन दुकान खोलने के लिए मांग कर रहे ग्रामीणों को एसडीएम ने इसके लिए आश्वस्त किया है।

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