रेडी टू ईट बनाने वाली महिला समूहों ने राजधानी में किया धरना-प्रदर्शन, काम छीने जाने का किया विरोध
रेडी टू ईट बनाने वाली महिला समूहों ने राजधानी में किया धरना-प्रदर्शन, काम छीने जाने का किया विरोध

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ियों के लिए रेडी टू ईट फ़ूड बनाने का काम महिला समूहों से वापस लेकर बीज निगम के माध्यम से इसकी आपूर्ति किये जाने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। इसका पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है। कल ही भाजपा महिला मोर्चा ने विरोधस्वरूप पूरे प्रदेश में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। आज प्रदेश भर से महिला समूहों से जुड़ीं महिलाएं राजधानी के बूढ़ा तालाब में एकत्र हुईं और धरना-प्रदर्शन किया।

बीज निगम को न दिया जाये काम

छत्तीसगढ़ रेडी टू ईट फ़ूड निर्माणकरता महिला संघ के बैनर तले महिलाओं ने दिनभर धरना दिया, जिसके बाद यहां जिले के प्रशासनिक अधिकारी ने पहुंचकर इनका ज्ञापन लिया। महिला समूहों की मांग है कि उनके काम को छीन कर बीज निगम को न दिया जाये। इससे प्रदेश की हजारों महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। सरकार का यह निर्णय महिला समूहों के लिए बहुत बड़ा आघात होगा। इस प्रदर्शन में भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी ममता साहू और संध्या तिवारी भी शामिल हुईं, हालांकि इन्होने ज्ञापन पर हस्ताक्षर अपने-अपने समाज के पदाधिकारी के तौर पर किया।

भाजपा पर भ्रामक सन्देश फ़ैलाने का महिला कांग्रेस का आरोप

इस मामले में महिला कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत का आरोप है कि रेडी टू ईट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रामक संदेश दे रहेहैं, भाजपा रेडी टू ईट की बेहतरीन गुणवत्ता सुधार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है भाजपा नेताओं को शायद सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि हितग्राहियों को दिए जा रहे रेडी-टू-ईट में निर्धारित ऊर्जा, माइक्रो न्यूट्रीयंस, कैलोरी, प्रोटीन, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नाइसीन, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, विटामिन ए, बी 12, सी एवं डी होना चाहिए। साथ ही वह फोर्टिफाइड एवं फाइन मिक्स होना चाहिए। वहीं मानव स्पर्श रहित, स्वचलित मशीन से निर्मित और जीरो संक्रमण वाला होना चाहिए। इससे रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता बेहतर रहेगी, जिससे सुपोषण अभियान को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा।


वंदना राजपूत ने दावा किया कि रेडी टू ईट बनाने वालों का रोज़गार नहीं छीना जा रहा है बल्कि इसमें पहले जैसे ही महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं ही कार्य करेंगी। राज्य सरकार के इस फैसले से तो महिला स्व सहायता समूह को और अधिक लाभ होने वाला है