रायपुर। राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में कोरोना के बचाव को लेकर लॉकडाउन जारी है। इसके बावजूद राजधानी समेत आसपास के कई जिलों में नशे का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है।

नशेड़ियों को महंगे दाम पर गांजा, चरस, शराब और नशीली दवाई आसानी से मिल रही है।  पुलिस इसको रोकने में नाकाम हो रही है।

लॉकडाउन के दौरान पुलिस की मजबूत तैनाती और जांच के बावजूद नशे के कारोबार का फलना-फूलना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है।

पुलिस के नाक के नीचे यह सब खेल चल रहा है ? तस्करों की हौसले इतने बुलंद है कि वह दोगुने रेट में युवाओं और नशेड़ियों को नशा उपलब्ध करा रहा है।

रायपुर की कई निचली बस्तियों में अब सूखा नशा व्यापार भी तेजी से बढ़ गया है। किसी न किसी तरीके से तस्कर पुलिस के सामने से चकमा देकर निकल रहे हैं, जबकि पुलिस चप्पे-चप्पे पर लोगों की सुरक्षा में तैनात है।

इसके बाद भी नशे का अवैध कारोबार का होना अपने आप में ही कई सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस भी मान रही है कि इन दिनों नशे का प्रचलन जरूर बढ़ा है, लेकिन उनके सूचना तंत्र पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। जिससे इसे रोका जा सके।

इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा का कहना है कि लॉकडाउन के बीच नशे के कारोबार को लेकर पुलिस सजग है। कारोबार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस अपना अभियान जारी रखा है।

कुछ दिन पूर्व होटल और बार में भी कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने छापा मारकर अवैध जखीरा बरामद किया था। आने वाले दिनों में भी हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से सॉल्यूशन, गांजा, टेबलेट, सिरप जैसे नशे का कारोबार का प्रचलन थोड़ा बड़ा है। हमारे मुखबिर लगातार एक्टिव हैं। निचले स्तर पर भी हम इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं।

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