टीआरपी डेस्क। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत के लिए पहला मेडल जीता था। अब इस भारतीय खिलाड़ी ने उन सभी लोगों का सम्मान किया, जिन्होंने इस यात्रा में उनकी मदद की है। मीराबाई चानू ने ट्रक का सम्मान कर सभी का दिल जीत लिया है। मणिपुर की इस युवा एथलीट को एक छोटे से गांव में अपने घर से इम्फाल में अपनी ट्रेनिंग के लिए टेनिंग एकेडमी तक रोजाना ट्रक ड्राइवरों से कई लिफ्ट लेनी पड़ती थी। यह तकरीबन 30 किलोमीटर का सफर होता था। ये सभी ट्रक ड्राइवर उन्हें बगैर पैसे लिए सफर कराते थे।

मीराबाई चानू ने Tokyo Olympics 2020 में भारत के लिए पहला मेडल जीता। अब उन्होंने ट्रक ड्राइवरों का सम्मान कर फिर सभी का दिल जीत लिया है। मणिपुर से इम्फाल ट्रेनिंग एकेडमी तक 30 किमी रोजाना ड्राइवरों से कई लिफ्ट लेनी पड़ती थी। ये सभी ट्रक ड्राइवर उन्हें बिना पैसे लिए सफर कराते थे। pic.twitter.com/4Ks0uBzSap
— The Rural Press (@theruralpress) August 9, 2021
ऐसे में मीराबाई चानू ने इस ट्रक ड्राइवरों के प्रति सम्मान जताने के लिए और इन सभी को सम्मानित करने के लिए एक आयोजन किया। उन्होंने अपनी उपलब्धि में ट्रक ड्राइवरों के योगदान को सराहा। दरअसल, चानू अकादमी के लिए प्रतिदिन निजी परिवहन का खर्च वहन नहीं कर सकती थी। इसलिए, वह उन रेत ढोने वाले ट्रक वालों पर निर्भर थी, जो उसी मार्ग से यात्रा करते थे।
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ईस्ट मोजो के अनुसार, 26 वर्षीय सिल्वर मेडल विजेता ने 150 ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों के साथ खाना खाया। उन सभी को एक शर्ट और एक मणिपुरी दुपट्टा उपहार में दिया। इसके साथ ही मीराबाई चानू ने इन सभी ट्रक ड्राइवरों के पैर भी छुए। मीराबाई चानू का ट्रक ड्राइवरों के प्रति जेस्चर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
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मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा वर्ग वेटलिफ्टिंग में कुल 202 किग्रा भार उठाकर सिल्वर मेडल जीता, जिससे ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में मेडल हासिल करने का 21 साल का इंतजार खत्म हुआ। वह कर्णम मल्लेश्वरी के बाद भारत की दूसरी वेटलिफ्टिर हैं, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है। कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।