टीआरपी डेस्क। सीरिया में तैनात अमेरिकी सैनिक इन दिनों एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक राइफल दूरबीन का परीक्षण कर रहे हैं जो निशाना लगाने की गारंटी पर ही गोली चलने देगी। लाइनेक्स आधारित टारगेटिंग सिस्टम से लैस इस दूरबीन को स्मैश 2000 नाम दिया गया है। इससे निशाना चिन्हित करने पर या टारगेटिंग सिस्टम के जरिए गोली लगने की सटीकता की गणना की जाती है।

निशाना सही नहीं को ट्रिगर लॉक

यह राइफल निशाना सुनिश्चित होने के बाद ही फौजी को ट्रिगर दबाकर लक्ष्य भेदने की इजाजत देती है। निशाना लग पाने की स्थिति में दूरबीन सिस्टम ट्रिगर दबाने के बावजूद भी राइफल से गोली ही नहीं चलने देता है। ऐसा बताया जा रहा है कि इसके जरिए हवा में 400 फीट की दूरी तक तेजी से झूलते छोटे से छोटे टारगेट को भी पूरी सटीकता से भेदा जा सकता है।
जॉर्डन-इराक सीमा के पास अल्ताफ बेस पर आजकल अमेरिकी सैनिक ड्रोन से आसमान में लटकाए जा रहे टारगेट के ऊपर इस दूरबीन सिस्टम का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।


इजराइली सेना कर चुकी है मैदानी परीक्षण

वैसे अमेरिका से पहले इजराइली सेना इसका मैदानी परीक्षण कर चुकी है लेकिन सीरिया में इसका उपयोग पहली बार हो रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने युद्धक परिस्थितियों के लिए इस दूरबीन सिस्टम को खरीदा है।
हालांकि अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि किन सैन्य ऑपरेशनों में इसका इस्तेमाल होगा। लेकिन सेना की ओर से जारी तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि ड्रोन गतिविधियों के खिलाफ इसकी अधिक उपयोगिता साबित हो सकती है। 

सर्विलांस पर वीडियो रिकॉर्डिंग भी

इसमें सर्विलांस डिवाइस के साथ-साथ वीडियो रिकॉर्डर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दूरबीन निर्माता इजरायली कंपनी स्मार्ट सूटर के अनुसार इसमें तेजी से हिलते छोटे टारगेट को पकड़ने के लिए ड्रोन मोड लगाया गया है। यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड ने पिछले साल 98 दूरबीन सिस्टम शुरुआती परीक्षण के लिए खरीदे थे।