नई दिल्ली। लॉकडाउन-4 में छूट के बाद से भारत में हर दिन कोरोना के संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हाल यही रहे तो जुलाई तक भारत में 21 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन ने ही मई में संक्रमितों की संख्या एक लाख पहुंचने का दावा किया था।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में बॉयोस्टैटिस्टिक्स और महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी ने भारत के लिए तैयार किए गए एक मॉडल के जरिए जानकारी दी कि यहां स्थिति और गंभीर हो सकती है।

प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि भारत में संक्रमण के मामलों का बढ़ना अभी कम नहीं हुआ है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले हर 13 दिन में दोगुने हो रहे हैं। ऐसे में सरकार का लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में ढील देना मुश्किलें बढ़ा सकता है।

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और मुखर्जी की टीम ने भारत में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर्स की कमी पर भी चिंता जाहिर की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस समय तकरीबन 7,14,000 हॉस्पिटल बेड हैं जबकि साल 2009 में ये संख्या लगभग 5,40,000 थी।

मुखर्जी का दावा सही साबित हुआ


इससे पहले प्रोफेसर मुखर्जी की टीम ने ही अप्रैल में सबसे पहले बताया था कि मध्य मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो जाएगी। अब मुखर्जी की टीम का अनुमान है कि भारत में जुलाई की शुरुआत तक 6,30,000 से 21 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।