एक और महिला की मौत, अब तक जा चुकी है लोगों की 73 की जान

रायपुर/गरियाबंद। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

सुपेबेड़ा निवासी किडनी पीडि़त जैमिनी नेताम की ओडि़शा के नवरंगपुर अस्पताल में इलाज के दौरान

मौत की खबर सामने आई है। इस तरह एक और मौत से मौतों का आंकड़ा बढ़कर 73 पहुंच गया है।

 

सुपेबेड़ा की रहने वाली जैमिनि नेताम के परिजनों ने एक महीने पहले रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल और

फिर डीकेएस अस्पताल में इलाज कराया, लेकिन इलाज से असंतुष्ट परिजन  उसे ओडि़शा के नवरंगपुर

अस्पताल ले गए। जिसके बाद वहां उसकी हालत बिगडऩे से मौत हो गई। गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में

अब तक किडऩी की गंभीर बीमारी से 73 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

रायपुर के हॉस्पिटल में शासन की ओर से किडनी की बीमारी का इलाज करा रहे सुपेबेड़ा निवासी त्रिलोचन

सोनवानी ने बताया कि जब राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मरीजों का हाल जानने सुपेबेड़ा गांव

आए थे। उस दौरान 10 मरीजों को रामकृष्ण हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया था।

 

10 लोगों में जैमिनी  नेताम भी शामिल थी। 10 दिन तक रामकृष्ण केयर में भर्ती रही। उसके बाद उसे डीकेएस

हॉस्पिटल लाया गया था। वहां सात दिन तक भर्ती रही। दोनों हॉस्पिटल में डायलिसिस कराने के लिए कहा गया,

लेकिन  परिजनों ने मना कर दिया। किडनी पीडि़त अंतिम स्टेज में थी। परिजन उसे डीकेएस से सीधा ओडि़शा

लेकर चले गए। कल रात उसकी मौत हो गई है।

 

त्रिलोचन ने बताया कि अब जानवरों की भी मौत होने लगी है। आज से चार दिन पहले आठ जानवरों की मौत हो

गई, जिसमें सात बकरा और एक बैल शामिल हैं। पशु डॉक्टरों ने बताया कि लीवर और किडनी काला पड़ जाने

से जानवरों की मौत हुई है। हालांकि अभी इन जानवरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है।

 

गौरतलब है कि सुपेबेड़ा में अभी भी गांव में 200 से ज्यादा किडनी के मरीज मौजूद हैं। ग्रामीण सही इलाज

की लगातार मांग उठा रहे हैं।

 

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