कोरबा। पूर्व में गणवेश घोटाले से सुर्खियों में आए और तात्कालिन कलेक्टर रीना बाबा साहेब कंगाले द्वारा निलंबन के बाद न्यायालय से स्थगन आदेश लेकर लगातार पोड़ी-उपरोड़ा खण्ड के शिक्षा अधिकारी बने हुए अशोक कुमार चंद्राकर की कार्यशैली पर उनके अधीन कार्यरत एक  सहायक शिक्षक ने सवाल उठाए हैं। निर्वाचन के दौरान प्रशिक्षण की सूचना विलंब से देने का आरोप लगाने के साथ ही एक मात्र उसका ही निलंबन द्वेषपूर्ण कराने का आरोप बीईओ पर मढ़ा गया है।

दुर्भावना पूर्ण की गई कार्यवाही :

मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए ईव्हीएम, व्हीव्हीपेट हैण्ड्सऑन एवं जागरूकता प्रशिक्षण 3 मार्च को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोड़ी -उपरोड़ा में आयोजित था। प्रशिक्षण में प्राथमिक शाला अमली भावना में पदस्थ सहायक शिक्षक (एलबी) संदीप कुमार अग्रवाल अनुपस्थित रहे। इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी होने पर संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने से उन्हें कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निलंबित कर निलंबन अवधि में मु यालय प्राथमिक शाला पसान नियत किया गया। इस कार्यवाही पर निलंबित सहायक शिक्षक ने खण्ड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार चंद्राकर पर दुर्भावना पूर्ण कार्यवाही कराने का आरोप लगाया है।  

प्रशिक्षण के संबंध में नहीं थी सूचना :

बीते दिनों संदीप ने कलेक्टर को पत्र सौंपकर अवगत कराया कि उसे 3 मार्च के प्रशिक्षण के संबंध में सूचना या जानकारी किसी भी माध्यम से प्राप्त नहीं हुई थी जिसके कारण वह प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं हो सका। उसके अनुपस्थिति को द्वेष पूर्वक बनाकर उच्चाधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त करने कलेक्टर के समक्ष प्रतिवेदन किया गया। यदि उसे प्रशिक्षण की जानकारी मिली होती तो वह अनिवार्य रूप से भाग लेता। निलंबन से वह और उसका पूरा परिवार मानसिक सदमे के दौर से गुजर रहा है। उसके लिगामेंट की चोंट के कारण भी वह हर शासकीय कार्य को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करने के लिए तत्पर है।  

17 प्रशिक्षाणर्थी अनुपस्थित थे, नहीं हुई उनपर कार्रवाई :

संदीप ने पत्र में बताया है कि उक्त प्रशिक्षण में 18 प्रशिक्षाणर्थी अनुपस्थित थे किंतु किसी पर भी निलंबन की कार्यवाही नहीं हुई। उसने अनुपस्थिति के संबंध में मिले कारण बताओ सूचना पर तय तिथि 8 मार्च को ही एसडीएम मनीष साहू के समक्ष अपना स्पष्टीकरण समय पर दे दिया था। सहायक शिक्षक संदीप ने निलंबन से बहाल करते हुए यथावत मूल स्थान प्राथमिक शाला अमली में पुन:पदस्थ करने का आग्रह किया है। उसने बताया कि निलंबन के बाद भी बूथ क्रमांक 123 से 130 में कार्यरत पीठासीन अधिकारी, सुरक्षा प्रहारी और मतदान दल को अपने घर से नो प्राफिट, नो लॉस पर भोजन बनाकर उसने दिया। संदीप कुमार ने खण्डशिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी उन 17 अन्य शिक्षकों के भी नाम बताये हैं जो 3 मार्च के ईव्हीएम जागरूकता प्रशिक्षण में अनुपस्थित थे। इनमें-रामबिलास सिंह, सोनसिंह टेकाम, श्यामलाल यादव, प्रेमकुमार नेताम, प्यारेलाल, आनंद कुमार यादव, बैजनाथ काशी, कृपाल सिंह मरकाम, गुहाराम यादव, विजय कुजूर, सुरेंद्र कुमार सिंह, हीरामणी काठले, बालमुकुंद खरे, वीरसिंह राठिया, तानिस राम भगत, दयाशंकर सराफ व संतोष दास मानिकपुरी शामिल हैं।     Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।