108 घंटे की समाधि ले रखी थी 5 दिन बाद निकला बेहोशी हालत में, हो गई मौत

महासमुंद। महासमुंद के गांव पचरी में समाधि में साधना करने के रिकार्ड बनाने के चक्कर में एक

युवक की जान चली गई। युवक बीते पांच वर्षों से ऐसा करता आ रहा था, लेकिन इस मर्तबा समाधि

की अवधि ज्यादा घंटे तक बढ़ाने से उसकी मौत हो गई।

 

बता दें कि गांव के चमन नाम के युवक ने सबसे पहले वर्ष 24 घंटे, दूसरे वर्ष 48 घंटे, तीसरे वर्ष

72 घंटे और चौथे वर्ष 96 घंटे की समाधि ली थी। उसे चारों ही मर्तबा बेहोशी की हालत में गड्ढे से

जिंदा निकाला गया था। इस बार समाधि की समय सीमा खत्म होने के बाद उसे निकाला गया तो

वह अचेत था। उसका घर पर इलाज करने के बाद हालत बिगडऩे पर अस्पताल ले जाया गया,

जहां उसकी मौत हो गई। घटना पटेवा थाना क्षेत्र के ग्राम पचरी की है। मृतक चम्मन लाल जोशी

पिछले पांच साल से गुरुघासीदास जयंती के उपलक्ष्य पर समाधि लेते आ रहा था।

 

इस मर्तबा 16 दिसंबर को सुबह 8 बजे उसने पांचवीं बार 108 घंटे की समाधि लेने का फैसला लिया।

इसके लिए चार फीट गड्ढा खोदा गया। उसके बाद युवक गड्ढे में जा बैठा। उसके सहयोगियों ने गड्ढे को

लकड़ी के पटरों से ढंका और उस पर मिट्टी डाल दी। जब पांच दिन बाद 20 दिसंबर को उसे समाधि से

बाहर निकाला तो बेहोश था। उसे तुरंत अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी जांच करने

के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार चमन ने शादी नहीं की थी, वह अकेला रहता था।

 

 

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