अहमदाबाद। मेहसाणा के विसनगर में दंगे भड़काने के मामले में हुई सजा पर गुजरात हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल इसके चलते अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस मामले में अदालत ने उनको 2 साल की सजा सुनाई थी और कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी थी। हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट में अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसकी कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट में याचिका इसलिए दायर की गई थी, ताकि हार्दिक आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सके। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए सजा पर रोक लगाने करने से इनकार कर दिया है। सजायाफ्ता होने पर अब हार्दिक के चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले पाटीदार नेता गुजरात के जामनगर से चुनाव लड़ने वाले थे।

क्या है पूरा मामला:

हार्दिक को बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के मामले में विसनगर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2 साल की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 17 आरोपियों में से 3 लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया है। 2015 के इस दंगा केस में हार्दिक पटेल के अलावा लालजी पटेल को भी दोषी करार दिया गया है। मेहसाणा की विसनगर कोर्ट ने हार्दिक और लालजी पटेल को दोषी ठहराया है। बता दें कि 2015 में बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर पर हमला हुआ था।

क्या है कानून:

दरअसल जनप्रतिनिधि कानून 1951 के मुताबिक दागी नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर कानून पहले से मौजूद है, जिसमें सजा के बाद 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। इसी कानून के चलते चारा घोटाले में दोषी पाए गए और जेल में सजा काट रहे लालू यादव पर चुनाव लड़ने से रोक लगाई गई है। यही दांव यहां भी खेला जाने वाला था मगर हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश ने इससे सीधे-सीधे खारिज कर दिया।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।