हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच में मामला

बिलासपुर। 4 जून 2003 में एनसीपी नेता विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी रहे रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व सीएम अजीत जोगी, अमित जोगी समेत कुल 31 लोगों को आरोपी बनाया था। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई अधूरी रही। इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी।

अजीत जोगी और अमित जोगी की गिरफ्तारी भी हुई थी। बाद में अमित जोगी समेत अन्य को दोषमुक्त कर दिया गया था। यह मामला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच में लगा था। इस पर आज सुनवाई अधूरी रह गई। कल फिर मामले की सुनवाई होगी।

घटना 4 जून 2003 की है। रात करीब 11 बजे जग्‍गी अपनी कार से एमजी रोड से केके रोड की तरफ आ रहे थे, तभी मौदहापारा थाना से कुछ दूरी पर कुछ लोगों ने उनकी कार को रोका और गोली मार कर फरार हो गए।

इस घटना में जग्‍गी गंभीर रूप से घायल हो गए। जग्‍गी को पहले मौदहापारा थाना ले जाया गया। वहां से मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल यानी अंबेडकर अस्‍पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।