मुंगेली। जिले के खुड़िया वन परिक्षेत्र के चचेड़ा में बिजली के तरंगित तारों की चपेट में आने से एक तेंदुए के शावक की मौत हो गई। रविवार को ही वन विभाग के गश्ती दल को शावक का शव मिला है। वन विभाग के अमले को मौके पर ही हाईटेंशन तार और खूंटी भी मिली है। इसके बावजूद भी लोरमी वन मंडल के एसडीओ मदन सिंह इस पर सिर्फ आशंका व्यक्त कर रहे हैं। तो वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इसके पीछे भी वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। इस इलाके में लगातार वन्यजीवों का धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा है। तो जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई की बजाय इसको कागजों में लटकाने में ज्यादा विश्वास करते हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण:

ग्रामीणों ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व व मुंगेली वन मंडल के वन परिक्षेत्र में आए दिन शिकारियों द्वारा खुलेआम करंट लगाकर जंगली जानवरों का शिकार किया जा रहा है। इन तरंगित तारों की चपेट में आने से कई जंगली जानवरों की मौत हो चुकी हैं। कुछ दिनों पहले ही अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक शेर का भी शिकार हुआ था। उसमें कुछ आरोपी पकड़े गए थे। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।

रक्षक ही बने हैं भक्षक: तिवारी

इस मामले में वन ग्राम निवासी हीरामणी तिवारी ने कहा कि वन विभाग के रक्षक ही भक्षक बने हुए हैं। वन परिक्षेत्र में आए दिन जंगली जानवरों का शिकार करंट से किया जा रहा है, बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं। यहां कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है।  

क्या कहते हैं एसडीओ:

घटना को लेकर लोरमी वन मंडल के एसडीओ मदन सिंह का कहना है कि अंदेशा है कि तेंदुए की मौत जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाये गए करंट तार की चपेट में आने से हुई है। अब डॉग स्क्वायड टीम की मदद से आरोपियों की तलाश की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। फिलहाल वन विभाग की टीम इस मामले मे जांच कर रही है।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।