वॉशिंगटन। चीन के साथ व्यवसाइक रिश्ते क्या सुधरे, अमेरिकी राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आंखें तरेरनी शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा बड़ी संख्या अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत से अधिक का शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से इस तरह के ‘मूर्खता वाले कारोबार’ पर गौर करने को कहा है। इससे एक दिन पहले ट्रंप ने भारत की आलोचना करते हुए उसे दुनिया का सबसे अधिक कर वाला देश बताया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत की ओर से अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जा रहे शुल्क को लगातार मुद्दा बना रहे हैं। वहीं ट्रंप खुद कर रहे हैं कि चीन के साथ व्यापार को लेकर उनके रिश्ते बेहतर हो रहे हैं। दरअसल हफ्तेभर के अंदर डोनाल्ड ट्रंप दोबारा भारत पर टैक्स को लेकर तंज कसा है।
ट्रंप ने कहा है कि

भारत दुनिया का ‘टैरिफ किंग’: ट्रंप

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहते रहे हैं, जो अमेरिकी उत्पादों पर काफी ऊंचा कर लगाता है। ट्रंप ने शनिवार को लॉस वेगास में कहा, ‘एक ऐसा मामला है जहां भारत हमसे काफी ऊंचा शुल्क वसूल कर रहा है। महान देश, महान दोस्त, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी कई चीजों के लिए हमसे 100 प्रतिशत से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं। ‘
ट्रंप ने दावा किया कि वहीं अमेरिका द्वारा भारत के ऐसे उत्पादों पर कुछ भी शुल्क नहीं लिया जा रहा। जबकि भारत दुनिया में सर्वाधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है। उन्होंने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में कहा कि भारत हर्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल समेत अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का अत्यधिक शुल्क उचित नहीं है।

चीनी नेतृत्व के साथ सफल रही बैठक:

गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि चीनी नेतृत्व के साथ उनकी ताजा बैठक एक बड़ी सफलता रही। वह यह घोषणा करने से बचे कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो गया है। इसी हफ्ते व्हाइट हाउस में ट्रंप से चीनी उपप्रधानमंत्री लिऊ की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद ट्रंप ने कहा, ‘चीन के साथ भेंट वार्ता सफल रही। दोनों देश व्यापार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। ‘

क्या है ट्रंप के आक्रोश का कारण :

यहां गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा वैश्विक कारोबारी सहयोगी है। साल 2016-17 में भारत से अमेरिका को निर्यात 42। 21 अरब डॉलर था, जो 2017-18 में बढ़कर 47। 87 अरब डॉलर हो गया। इसकी वजह से व्यापार घाटे को लेकर अमेरिका की चिंता बढ़ी है।
क्या है उपाय?
भारत और अमेरिका को वाणिज्यिक और कूटनीतिक प्रयासों से कारोबारी संबंधों का तनाव कम करना होगा। इससे दोनों देशों के मध्य कारोबार को सालाना 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।

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