रायपुर। 7 बार सांसद रह चुके प्रदेश के कद्दावर नेता रमेश बैस को टिकट नहीं दिया गया। तो उनके समर्थकों को लगा था कि पार्टी उनको चुनाव प्रचार के दौरान स्टॉर प्रचारक बनाकर उपकृत करेगी। ऐसे में अब राजधानी में लग रहे भाजपा के पोस्टर्स से भी अब रमेश बैस नदारद दिखाई दे रहे हैं। तो इसके पीछे भाजपा के जानकारों ने दबी जुबान से बताया कि दरअसल रमेश बैस 72 साल के हो चुके हैं। भाजपा ने डिसाइड किया है कि वो 70 साल से ज्यादा के उम्मीदवारों को चुनाव में टिकट नहीं देगी। यही कारण है कि सुषमा स्वराज, उमा भारती, सुमित्रा महाजन समेत तमाम नेत्रियों को भी हाशिए पर डाल दिया गया। तो वहीं राज्य के रमेश बैस के पर भी उसी कायदे के तहत भाजपा ने कतर दिए। आश्चर्य तो तब हो रहा है कि राज्य में भाजपा के 10 सांसदों में से किसी को भी रिपीट नहीं किया गया? यानि सब के सब नए चेहरे होंगे। कुल मिलाकर रमेश बैस को भी लालकृष्ण आडवाणी की तरह ही किनारे कर दिया गया है। इसको लेकर बैस के समर्थकों में आक्रोश दिखाई दे रहा है।

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