भोपाल। भाजपा के राष्टÑीय सह संगठन महामंत्री और छत्तीसगढ़ में भाजपा का काम देखने वाले सौदान सिंह पर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगे हैं। उनके ऊपर उनके पैत्रिक गांव कागपुर में एक तालाब का 12 बार सौंदर्यीकरण और गहरीकरण कराने सहित कई दूसरे आरोप आरोप हैं। ईओडब्ल्यू उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच कर रहा है। ईओडब्ल्यू के डीजी का कहना है कि अगर आरोप सत्य पाए गए तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।


कागपुर के भाग में लिखा भ्रष्टाचार:

सौदान सिंह विदिशा जिले से 30 किलोमीटर दूर ग्राम कागपुर के रहने वाले हैं। वहां उनकी आलीशान कोठी है। आरोप है कि उन्होंने बीजेपी के कई सांसदों से सांठगांठ कर करोड़ों की सरकारी राशि का दुरुपयोग कर आर्थिक अनियमितता की है। दिलचस्प बात ये है कि जिस कागपुर का भाग्य चमकाने करोड़ों के घोड़े कागजों पर दौड़ाए गए, उसकी आबादी महज 2500 है। यहां आवश्यक और जरूरत के विकास काम आज तक पूरे नहीं हुए हैं। सौदान सिंह पर लगे आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार का ये मामला ईओडब्ल्यू पहुंच गया है।

सौदान के आरोपों पर एक नजर:

आरोप यह भी है कि सौदान सिंह ने अपने रसूख और ओहदे का दुरुपयोग कर गांव के तालाब के गहरीकरण, सामुदायिक भवन निर्माण और दूसरे विकास कार्यो के लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों के राज्यसभा सांसदों और केंद्र की अलग-अलग योजनाओं के तहत करोड़ों की राशि आवंटित कराई है।
-2017 से 2018 के बीच केंद्र की अलग-अलग योजनाओं के तहत करोड़ों की राशि तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के नाम पर आवंटित कराकर आर्थिक अनियमितता की।
-सामुदायिक भवन निर्माण के लिए करीब 2 करोड़ की राशि विभिन्न राज्य सभा सांसदों से आवंटित कराकर गोलमाल किया।
-तालाब के गहरीकरण से निकलने वाली मिट्टी को अपनी पथरीली जमीन में डालकर कृषि योग्य बनाने का आरोप।
-रूल आॅफ फायनेंशियल पॉवर को ताक पर रखकर कलेक्टरों ने 2 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति स्वयं ही जारी कर दी।
-गांव में तमाम विकास कार्यो के लिए करोड़ों की राशि आवंटित कराने के बाद स्थानीय अधिकारियों की मिली भगत से आर्थिक अनियमितता करने का गंभीर आरोप।

किसने की शिकायत:

आरटीआई कार्यकर्ता भुवनेश्वर मिश्रा ने सौदान सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत की है। ईओडब्ल्यू इस शिकायत की जांच कर रहा है। डीजी केएन तिवारी ने कहा कि शिकायत का परीक्षण चल रहा है और इस पर निर्णय लिया जाएगा।

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