बिलासपुर। उच्च न्यायालय ने आईपीएस मुकेश गुप्ता को नॉन घोटाले और अवैध फोन टैपिंग मामले में नो कोरेसिव एक्शन का आदेश सुनाया। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने अगले आदेश तक गुप्ता को राहत देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने निलंबित आईपीएस गुप्ता को जांच एजेंसियों के समक्ष उपस्थित होने का आदेश भी दिया है।
जल्दी ही सामने आ सकते हैं मुकेश गुुप्ता:
अतिरिक्त महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि आॅनरेबल कोर्ट ने गुप्ता को तत्काल गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है । इसके साथ ही गुप्ता को आदेश दिया है कि वे जांच एजेंसियों को जांच में सहयोग प्रदान करें। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब फरारी काट रहे मुकेश गुप्ता को सामने आना होगा और उनके खिलाफ सभी लंबित मामलों में जांच एजेंसियों के समक्ष पेश होना होगा। आज हुई सुनवाई में गुप्ता की तरफ से वकील महेश जेठमलानी ने पैरवी की वहीं शासन की ओर से अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने जिरह की।
ईओडब्ल्यू कर रही जांच:
दरअसल आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ नान घोटाला और अवैध फोन टेपिंग के मामले में गुप्ता के खिलाफ ईओडब्ल्यू की जांच चल रही है। केस रजिस्टर्ड होने के बाद सरकार ने गुप्ता के खिलाफ कई बार नोटिस जारी कर उन्हें उपस्थित होने का आदेश दिया था लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए और पिछले कई महीने से वे लगातार फरार चल रहे हैं। ऐसे में देखना ये होगा कि क्या हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुकेश गुप्ता अब जांच एजेंसियों को सहयोग करेंगे?
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