रायपुर। निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। फोन टेपिंग मामले में हाईकोर्ट से फौरी राहत मिलने के बाद अब राज्य शासन ने मनी लांड्रिंग की शिकायत से जुड़े एक दूसरे मामले में ईओडब्ल्यू को जांच के आदेश दे दिए हैं। गृह विभाग के अवर सचिव डी पी कौशल ने जांच आदेश जारी किया है। फोन टेपिंग मामले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू को निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता से जुड़े एमजीएम अस्पताल में बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन से जुड़ी अहम जानकारी मिली थी। ईओडब्ल्यू ने 8 अप्रैल को गृह विभाग को भेजे गए पत्र में कहा था कि साल 2003 से 2018 तक लोक सेवक के रूप में निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता ने विभिन्न पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार व अपने पद के प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए अवैध उगाही की। इससे जुटाई गई अकूत संपत्ति को कई ट्रस्टियों और सहयोगियों के साथ एमजीएम अस्पताल में इस्तेमाल किया। ईओडब्ल्यू ने आईटी एक्ट 1961 की धारा 12 (ए) एवं 80 जी तथा एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड कराकर आयकर में छूट प्राप्त करने की शिकायत की जांच के लिए भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत जांच की अनुमति मांगी थी। ईओडब्ल्यू के पत्र के आधार पर राज्य शासन के गृह विभाग ने मनी लांड्रिंग के मामले में जांच की अनुमति दे दी है।