नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट आई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट 0. 30 फीसदी की कमजोरी के साथ 74 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया। इसी तरह से अमेरिकी कच्चा तेल यानी डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव भी करीब आधा फीसदी गिरकर 65 डॉलर प्रति बैरल के नीचे कारोबार कर रहा था।   गुरुवार इस साल पहली बार ब्रेंट क्रूड का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई पर पहुंच गया था। उधर, एमसीएक्स की बात करें तो वहां भी कच्चे तेल का मई कॉन्ट्रैक्ट करीब 1. 5 फीसदी गिरकर 4566 रुपए पर आ गया।  

कल क्यों बढ़ा था दाम:

गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का सबसे बड़ा कारण यह था कि जर्मनी, पोलैंड और स्लोवाकिया ने खराब गुणवत्ता का हवाला देते हुए रूस के तेल के आयात को निलंबित कर दिया। इससे यूरोप को होने वाले कच्चे तेल के निर्यात में कमी आने का डर बन गया था।

आज क्यों आई गिरावट:

कमोडिटी बाजार के विश्लेषकों ने कहा कि कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले देशों के संगठन ओपेक की तरफ से उत्पादन बढ़ाये जाने की संभावना से क्रूड में आज गिरावट आई है। दरअसल, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई घटने से पिछले कुछ सत्रों से कच्चे तेल की कीमतों में अच्छी तेजी आई थी। कच्चे तेल की कीमतों में इस साल लगातार तेजी बनी हुई है, क्योंकि ओपेक और गैर-ओपेक देश रूस ने पिछले साल 12 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन घटाने पर सहमति जताई थी, जो अब तक जारी है। इस साल कच्चे तेल के दाम करीब 40 फीसदी चढ़ चुके हैं।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।