सूरत। जिले की सेशन कोर्ट ने आश्रम में दो बहनों से दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को नारायण सार्इं को उम्रकैद की सजा सुनाई है। नारायण सार्इं आसाराम के बेटे हैं। इन्होंने 11 साल पहले अपने आश्रम में दो बहनों के साथ अनाचार किया था। पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया था। इस मामले में 53 गवाहों ने अपने बयान कलमबंद कराए थे।

जेल में भी खेल, 13 करोड़ की रिश्वत देने का आरोप:

पीड़ित छोटी बहन ने नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत दिए थे और मौका-ए-वारदात को पहचाना था। बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। केस दर्ज होने के बाद साईं अंडरग्राउंड हो गया था। करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में उसे हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास गिरफ्तार कर लिया गया। वह सिख के वेश में मिला था। नारायण पर जेल में रहते हुए पुलिस कर्मचारी को 13 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का भी आरोप लगा था।  

पत्नी ने भी लगाए गंभीर आरोप:

नारायण साई की पत्नी जानकी ने भी अपने पति और ससुर आसाराम पर तमाम गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इंदौर के खजराना पुलिस थाने में 19 सितंबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि 22 मई 1997 को उसकी शादी नारायण हरपलानी (नारायण साईं का असली नाम) से हुई थी। इसके बाद नारायण ने उसके सामने ही कई महिलाओं से नाजायज संबंध कायम किए, जिससे उसे मानसिक प्रताड़ना सहना पड़ी। साथ ही उसे पत्नी मानने से भी इंकार कर दिया था। नाबालिग से दुष्कर्म के केस में आसाराम को 2013 में इंदौर के आश्रम से गिरफ्तार किया गया था।

दूसरी पत्नी से नाजायज संतान:

जानकी ने आरोप लगाया था कि मेरे पति ने हमेशा धर्म के नाम पर ढोंग किया है। नारायण ने अपने आश्रम की एक साधिका से अवैध संबंध बनाए, जब यह साधिका गर्भवती हो गई तो उसने मुझसे कहा कि वह दूसरी शादी करना चाहता है। जानकी ने आरोप लगाया था कि नारायण साईं ने उससे तलाक लिए बगैर ही उस साधिका से राजस्थान में शादी कर ली और उस महिला से नारायण की एक संतान भी है।     Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।