रायपुर। वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने  प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए डिपॉजिट 13 नंबर खदान अडानी को दिए जाने के आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी कोई कॉन्सर्ट नहीं दिया और न ही मेरे सामने इस तरह की कोई फाइल प्रस्तुत की गई। अडानी को ठेका एनएमडीसी ने दिया है। वही उन्होंने कहा कि पेड़ काटने की अनुमति मैंने कभी नहीं दी। बल्कि पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने दी थी।

उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण संरक्षण बोर्ड केंद्र सरकार की जल एवं वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत गठित एक स्वायतशासी संस्था है। जिसकी कार्रवाई अलग से चलती है। यह एक स्वतंत्र इकाई है इसलिए इनकी बैठकों में मंत्री शामिल नहीं होते। यही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अब तक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के इतिहास में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस होती थी लेकिन वन विभाग या परिवहन विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों की कॉन्फ्रेंस कभी नहीं हुई।

गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण बोर्ड द्वारा जारी इस सहमति को आधार बनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और डॉ. रमन सिंह ने सरकार पर हमला बोला है। अजीत जोगी ने इस मामले में अकबर के विभागों को लेकर आरोप लगाया। जिस पर अकबर ने एक बार फिर दोहराया है कि इस पूरे मसले में न तो उन्होंने किसी प्रकार की कोई सहमति दी है न ही उनके समक्ष इस पूरे मसले पर कोई फाइल आई थी। अकबर ने दस्तावेजों के आधार पर कहा कि पेड़ों को काटने की अनुमति रमन सिंह की सरकार ने जनवरी 2018 में दी थी।