रायपुर। पिछले कुछ दिनों से किरंदुल में आंदोलन कर रहे आदिवासियों का प्रतिनिधिमंडल मंत्रालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिला। बस्तर सांसद दीपक बैज और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के नेतृत्व में डेलिगेशन ने सीएम से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी। जिसके बाद सीएम ने आदिवासियों की चार प्रमुख मांगें मान ली हैं।

सीएम ने मानी आदिवासियों की ये मांगें

  • वनों की कटाई पर तुरंत रोक लगाई।
  • साल 2014 के फर्जी ग्राम सभा के आरोप की होगी जांच।
  • क्षेत्र में संचालित कार्यों पर तत्काल रोक लगाई।
  • राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को पत्र लिखकर जन भावनाओं की जानकारी दी जाएगी।

5वें दिन भी जारी रहा आंदोलन

माना जा रहा है कि आज लिये गए इन फैसलों पर 12 जून यानि मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसले पर मुहर लग सकती है। आपको बता दें कि किरंदुल के नंदराज पहाड़ को बचाने के लिए आदिवासी काफी संख्या में किरंदुल में डेरा डाले हुए हैं। जो किसी भी सूरत में वहां अडानी को माइनिंग नहीं करने देने की बात पर अड़े हैं। बारिश और धूप के बावजूद लोग टस से मस नहीं हो रहे हैं। आदिवासियों के इस रूख को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल ही बस्तर के जनप्रतिनिधियों की एक बैठक सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में बुलायी थी।

सरकार अपने फायदे के लिए बेत रही जंगल, पहाड़

नंदराज पर्वत पर खनन के खिलाफ चल रहा आदिवासियों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी है। आदिवासी पिछले चार दिनों से किरंदुल में प्रदर्शन कर रहे थे। आज मंगलवार को आंदोलनकारी 1 किमी पैदल चलकर बचेली तक पहुंच गए हैं।  बचेली में उत्पादन ठप्प होने पर NMDC को करोड़ों रुपए का नुकसान होगा। ऐसा होने पर एक हजार ट्रकों के पहिए थम जाएंगे वहीं मालगाड़ी भी प्रभावित होगी। वहीं भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करने के चलते कई आदिवासियों की तबीयत खराब होने लगी है। 200 से अधिक ग्रामीणों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया है, लेकिन आदिवासी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं। इधर सर्व आदिवासी समाज ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने कहा कि आदिवासियों के साथ नाइंसाफी नहीं होने देंगे। सरकार अपने फायदे के लिए जंगड़, पहाड़ बेच रही है।

बचेली के कर्मचारियों ने दिया समर्थन

नंदराज पर्वत को लेकर आदिवासियों के आंदोलन को अब बचेली कॉम्पलेक्स के कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन दिया है। बचेली कॉम्पलेक्स के कर्मचारियों ने इस मामले में अधिशासी अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। प्रदेश में खनन को निजी हाथों में न देने की मांग करते हुए कहा कि एनएमडीसी का 60 साल का अनुभव है। बावजूद इसके खदान निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।