– आबकारी विभाग ने नई नीति के तहत शराब की प्लास्टिक बोतलों पर दिया था जोर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खाने-पीने की चीजों और विज्ञापन के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। भूपेश बघेल के इस फैसले का टीआरपी स्वागत करता है। मगर सवाल यह उठता है कि क्या सरकार द्वारा देशी शराब की प्लास्टिक बोतलों पर भी रोक लगाई जाएगी? दरअसल सत्ता में आते ही आबकारी विभाग ने नई नीति की घोषणा की थी। जिसके अनुसार कांच की बोतलों से होने वाले डैमेज को रोकने के लिए प्लास्टिक की बोतलों में शराब बेचने पर चर्चा की गई थी।

इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है। जिसके अनुसार खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बता दें अभी तक राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। मगर ऐसा पहली बार है जब इसके निर्माण पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके बाद न तो फैक्ट्री में इसका निर्माण होगा न ही दुकानों में बिकेगी।

हाल ही में WHO की प्लास्टिक के घातक परिणाम को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी। इससे होने वाले बड़े नुकसानों के बारे में बताया गया था। साथ ही इसके पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभाव भी बताए गए थे। जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। सरकार ने सरकारी आयोजन, कार्यालय, स्थल, सार्वजनिक कैटरिंग में भी प्लास्टिक या फोम की सामाग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाई है।

जारी विज्ञापन के अनुसार राज्य में केवल ऐसे ही इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिसका रीसायकल किया जा सकता हो। हालांकि इसके लिए भी राज्य पयार्वरण संरक्षण मंडल से पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य। प्लास्टिक के रीसायकल के लिए मानक चिन्हों के इस्तेमाल से ही अनुमति मिल सकेगी। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नगरीय ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 के तहत सरकार ने यह नियम बनाया है। इसकी जांच और निगरानी के लिए विभाग द्वारा राज्य स्तरीय समिति की एक टीम भी बनाई है।

इन चीजों पर लगी रोक
कोई भी उद्योग, कैरी बैग, अल्प-जीवन पीव्हीसी तथा क्लोरीनेटेड प्लास्टिक से बने विज्ञापन एवं प्रचार सामग्री के साथ केटरिंग के लिए प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक की सामग्री के इस्तेमाल व निर्माण पर रोक।