नई दिल्ली। कोलकाता में डॉक्टर पर हमले के विरोध में देशभर में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करने को तैयार हो गया है। शीर्ष कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगा।

दअरसल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में देश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है। साथ ही कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश देने की भी मांग की गई है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने किया समर्थन:

बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन जारी है। आज यानी सोमवार को देशभर के डॉक्टर ओपीडी बंद रखेंगे।वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री शिवानंद पाटिल ने डॉक्टरों के इस विरोध का समर्थन किया और डॉक्टरों से प्रतीकात्मक विरोध जताने की अपील की, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो।

स्वास्थ्य मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि मैं सोमवार को बुलाए गए विरोध से सहमत हूं। डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। हमारा मंत्रालय किसी भी डॉक्टर पर हमलों की निंदा करता है, लेकिन मैं निजी और सरकारी सहित सभी डॉक्टरों से अनुरोध करता हूं कि वे केवल सांकेतिक तरीके से इस विरोध में हिस्सा लें और सुनिश्चित करें कि कोई भी मरीज परेशान न हो।

शिवानंद पाटिल ने कहा कि इस विरोध को प्रतीकात्मक होने दें और मुझे यकीन है कि लोग भी आपका समर्थन करेंगे और मुझे यकीन है कि आप सभी गरीब मरीज की सेवा करने के लिए अपना कर्तव्य पूरा करेंगे।

बातचीत का हो मीडिया कवरेज:

पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के जरिए गतिरोध खत्म करने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने कहा कि विसंगतियों से बचने के लिए बातचीत का मीडिया कवरेज होना चाहिए।

हड़ताल के छठें दिन जनरल बॉडी की बैठक के बाद एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के विरोध कर रहे डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि ने मीडिया से कहा, “हमारी मुख्यमंत्री का अंतिम प्रेस साक्षात्कार विसंगतियों से भरा है, जिसकी वजह से हमारे विरोध प्रदर्शन व सरकार के इस पर प्रतिक्रिया के पीछे गलत मंशा बताई गई। इसलिए स्पष्टीकरण की जरूरत है। ” इस हड़ताल से सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

 

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