रायपुर। सरकार ने दवा खरीदी में करोड़ों के घोटाले के मामले में पूर्व एमडी व्ही. रामाराव के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच की अनुमति दे दी है। रामाराव के खिलाफ करोड़ों के घोटाले में संलिप्तता रही है। व्ही. रामाराव के छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन CGMSC के प्रबंध संचालक के पद पर रहते हुए डॉटा फाइल में छेड़छाड़ एवं कुछ विशेष सप्लायरों को लाभ पहुंचाने की शिकायत की गई थी।

EOW ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 17(क) के तहत इस शिकायत की जांच के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से अनुमति मांगी थी। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए व्ही. रामाराव के खिलाफ EOW को जांच की अनुमति दे दी है। साथ ही इस संबंध में विभाग द्वारा EOW को पत्र भी जारी कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार रामाराव के कार्यकाल में करीब 2 सौ करोड़ से अधिक की दवा खरीदी हुई थी। यह मामला प्रकाश में आया था कि माइक्रोस्कोप विथ एचडीएमआई पोर्ट जैसे छह हजार के उपकरण ढाई लाख में खरीदे गए। इसमें सप्लायरों को फायदा पहुंचाया गया था। इसी तरह अन्य दवाईयों की खरीदी में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया था। रामाराव के खिलाफ कई तरह की शिकायतें रही है, लेकिन भाजपा सरकार में प्रभावशाली रहे। सरकार बदलने के बाद इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू हुई और उन्हें पद से हटाया गया।