रायपुर।  छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने आदर्श जनसुविधा केंद्र के निर्माण में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, रेलवे पुलिस सहित राज्य के सभी थाना प्रभारियों को थानों को पत्र जारी किया गया है।

आदर्श जनसुविधा केंद्र के लिए दिए गए प्रमुख निर्देश

  • थाना पहुंचने पर नागरिकों के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं का हो निराकरण।
  • सभी थानों में एक कक्ष को आगंतुक कक्ष के रूप में चिन्हित किया जाए।
  • आगंतुक कक्ष में बैठने एवं स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था रखी जाए।
  • थाना पहुंचने वाले प्रत्येक नागरिक या आवेदक को इस कक्ष में सम्मान के साथ बैठाकर उसी बात सुनी जाए।
  • प्रत्येक थाने में थाना प्रभारी तीन शिफ्ट के लिए तीन कर्मचारियों के नोडल कर्मचारी के रूप में नियुक्त करें।
  • प्रत्येक शिफ्ट में एक नोडल कर्मचारी थाने में उपस्थित रहेंगे।
  • नोडल कर्मचारी का यह कर्तव्य रहेगा कि थाने में पहुंचने वाले आवेदक को वे आगंतुक कक्ष में बैठाकर उनसे चर्चा करेंगे।
  • उन्हें थाना प्रभारी या दिवस अधिकारी के समक्ष प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने अथवा उचित वैधानिक कार्यवाही करने के लिए प्रस्तुत करेंगे।
  • थाना प्रभारी या दिवस अधिकारी ऐसे प्रत्येक आवेदक के आवदेन पर यदि संज्ञेय अपराध का होना पाया जाता है, तो तत्काल प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर विवेचक के माध्यम से उसकी त्वरित विवेचना करावएंगे।
  • यदि संज्ञेय अपराध का होना न पाया जाए, तो इसकी जानकारी आवेदक को देते हुए विधि अनुसार धारा-155 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई करेंगे।

नहीं आनी चाहिए कोई शिकायत

थाना प्रभारी यह ध्यान रखें कि उनके थाने में पहुंचने वाले किसी भी आवेदक के साथ दुर्व्यवहार , पैसे आदि की मांग कर भ्रष्ट आचरण अथवा धृष्टतापूर्ण आचरण शिकायत न मिले। यदि किसी भी थाने से भ्रष्ट आचरण की शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित थाना प्रभारी एवं स्टाफ के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करते हुए उन्हें विभाग से पृथक करने की कार्यवाही की जाएगी।

काम नहीं होगा तो बदलेंगे थाना प्रभारी

सभी पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि उनकी इकाई के सभी थानों को आदर्श जन सुविधा केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। जो थाना प्रभारी आदर्श जनसुविधा केंद्र में जनसुविधा कार्यों एवं व्यवस्थाओं को प्रभावी तरीकें से अपने थाने में लागू करने में असफल रहते हैं, ऐसे थाना प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया जावे एवं उनकी इस अयोग्यता का स्पष्ट उल्लेख उनकी सेवा-पुस्तिका में किया जावें। ताकि भविष्य में उन्हें थाना प्रभारी का दायित्व न सौंपा जाए।

भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं

पुलिस महानिदेशक ने साफतौर पर निर्देश दिया है कि दुर्व्यवहार एवं भ्रष्ट आचरण प्रदर्शित करने वाले थाना प्रभारी एवं कर्मचारियों को कतई न बख्शा जाए। उनके विरूद्ध कठोरतम विभागीय कार्यवाही किया जाए। इसी तरह पुलिस महानिदेशक ने सभी रेंज पुलिस महानिरीक्षकों से अपने रेंज के सभी जिलों में उपरोक्त निर्देशित कार्यवाही की माॅनिटरिंग स्वयं करने को कहा हैं। इसी तरह पुलिस मुख्यालय में एक सतर्कता सेल का गठन किया गया है, जहां पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त होने वाली भ्रष्टाचार की शिकायतों की सूक्ष्म एवं निष्पक्ष जांच की जाएगी।