रायपुर । केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र सरकार का वित्तीय अंश बढ़ाया जाए। तो वहीं राज्यों का वित्तीय अंश कम किया जाए। शुक्रवार को ये बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में वित्त मंत्रियों की बैेठक में कही।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय योजनाओं में राज्यों के अंश को लगातार बढ़ाया जा रहा है और इससे राज्यों को काफी कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, एकीकृत बाल विकास योजना और अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार को अपने अंश के रूप में अधिक राशि प्रदान करना चाहिए।

बस्तर के लिए 4 हजार 433 करोड़ की योजना:

बैठक में उन्होंने 4 हजार 433 करोड़ के बस्तर प्लान का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अभी तक केवल 306 करोड़ रुपए की राशि ही प्राप्त हुई है। उन्होंने शेष राशि शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि बस्तर में प्रस्तावित अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पेयजल और स्वच्छता के कार्य किए जा सके।

24 लाख टन चावल का कोटा बढ़ाने का किया अनुरोध:

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ द्वारा देश में धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल तय करते हुए खरीफ 2018 सीजन में 80 लाख टन से अधिक धान क्रय किया गया है।

उन्होंने राज्य में भारतीय खाद्य निगम द्वारा केंद्रीय कोटे के अंतर्गत लिए जाने वाले 24 लाख टन चावल के कोटे में वृद्धि किए जाने का अनुरोध किया। ऐसे में अब देखना ये होगा कि केंद्र सरकार उनकी इन मांगों को कहां तक पूरा करने का प्रयास करती है।.

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।