रायपुर। जिस दिन पुलिस चाइल्ड फ्रेंडली हो गई उस दिन से कोई छेड़खानी या अपराध नहीं होगा। बच्चों से आप घुलिए मिलिए। पुलिस वाले भी दीवार की तरह होते हैं, काम को काम की तरह मत लें उसे मनोरंजन की तरह लें। यूनिसेफ द्वारा आयोजित चाइल्ड फ्रैंडली पुलिस स्टेशन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बातें छत्तीसगढ़ पुलिस प्रमुख डीजीपी डीएम अवस्थी ने कही।

स्कूलों में चाइल्ड कैडर की शुरुआत

चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस थानों में बच्चों के साथ होने वाले किसी भी आपराधिक घटना को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हैंडल किया जाएगा।  इस कार्यशाला में प्रदेशभर के सभी थानेदार और पुलिसकर्मियों को दो दिन तक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में शामिल पुलिस कर्मियों को जेजे एक्ट और बच्चों से सम्बंधित कानून की जानकारी विस्तार में दी जाएगी। कार्यशाला में शामिल पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा प्रदेश में बाल मित्र और स्टूडेंट्स कैडर योजना शुरू की जाएगी। जिसमें बच्चों को पुलिस का मित्र बनाया जाएगा साथ ही स्कूलों में चाइल्ड कैडर की शुरुआत होगी।

महिलाओं पर ज्यादती न करें

जब तक कोई प्लान धरातल पर न उतरे नोडल ऑफिसर्स की कार्यशाला लेने से कोई लाभ नही होगा। महासमुंद मॉडल से आगे बढ़कर चाइल्ड और वीमेन फ्रेंडली स्टेशन बनाने होंगे। एक बच्चे ने साईकल से एक पुलिस वाले की गाड़ी को ठोकर मारी जिसमे उसे 2000 का जुर्माना देना पड़ेगा। ऐसा कह कर पुलिस वाले ने डराया जिससे उसने पैसा जमा ना करने पर आत्महत्या कर ली ऐसा नहीं होना चाहिए। डीजीपी ने पुलिस कर्मियों को हिदायत दी कि वे बच्चो को ना डराए। डीजीपी ने महिलाओं पर ज्यादती करने नहीं करने की हिदायत महिला पुलिस कर्मियों को दी। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस महिलाओं पर ज्यादती करना बंद करे। जहां काम होता है वो पता चलता है।

बच्चों में पुलिस के प्रति भय को दूर करना होगा

उन्होंने कहा कि सारे पुलिस स्टेशन को चाइल्ड फ्रेंडली और वुमन फ्रेंडली बनाना है। इसमें हर जिले में हम बालमित्र और स्टूडेंट कैडर दो स्कीम शुरू करेंगे। कल तक सभी इंस्ट्रक्शन जिलों को लेकर प्रसारित हो जाएगा कि कैसे करना है। इसका उद्देश्य यह है कि बच्चों को पुलिस के करीब लाया जाए। इससे पुलिस का व्यवहार भी सुधरेगा और बच्चों में पुलिस के प्रति जो भय रहता है वो भी दूर होगा। पुलिस में 75 हजार लोग काम कर रहे हैं, सभी में बहुत टैलेंट है। मगर सही आदमी को सही जगह लगाना जरूरी है।