नई दिल्ली। ऊपर की तस्वीर में जो ये प्यारे-प्यारे क्यूट से बच्चे आपको दिखाई दे रहे हैं। वे और उनकी एक और बहन अब इस दुनिया में नहीं हैं, और हां उनके साथ ही उनकी मां भी नहीं है। इन चारों का कातिल इन बच्चों के पापा यानि उस महिला का सुहाग ही है, जिसने दिल्ली के महरौली इलाके में शुक्रवार की देर रात इन चारों की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी और उसके हाथ तक नहीं कांपे?

वे मासूम तो ये भी नहीं जान सके कि आखिर उनके पापा क्यों बन बैठे कसाई? उनका गुनाह क्या था? उनकी रूह तो बस एक ही सवाल कर रही होगी कि पापा… हमारा गला रेतते वक्त आपका हाथ क्यों नहीं कांपा? उधर पड़ोसी बता रहे हैं कि आरोपी की दिमागी हालत सही नहीं थी। बिगड़ी मानसिक स्थिति में ही उसने अपने ही परिवार के साथ खूनी खेल- खेला है।

डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर पुलिस को कत्ल की जानकारी मिली। पेशे से टीचर उपेंद्र शुक्ला ने तीन बच्चों और पत्नी का कत्ल किया है। उसकी दो बेटी और एक बेटा है। आरोपी ने देर रात चाकू से सभी कत्ल किए हैं। उपेंद्र बिहार के चंपारण का रहने वाला है।

 लिखे नोट में किया इकबाल-ए जुर्म:

पुलिस ने बताया कि लाश के पास से उपेंद्र के लिखे दो नोट बरामद हुए हैं, जिसमें से एक हिंदी और एक अंग्रेजी में लिखा हुआ है। इन नोट्स में उपेंद्र ने लिखा कि ये सभी कत्ल मैंने किए हैं। मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं।

डीसीपी के मुताबिक उपेंद्र की पत्नी अर्चना डायबिटीज से पीड़ित थी और आर्थिक तंगी डिप्रेशन और कत्ल की वजह हो सकती है। उसकी सबसे बड़ी बेटी की उम्र 7 साल। दूसरी बेटी की उम्र डेढ़ महीने और बेटे की उम्र 5 साल थी।

पूछताछ में भी बताया डिप्रशन को कारण:

पूछताछ में उस उपेंद्र ने खुद को डिप्रेशन में बताया। जिस घर में चारों लोगों के कत्ल हुए, उसी घर में आरोपी की मां भी रहती है। उसने देखा कि उपेंद्र दरवाजा नहीं खोल रहा है तो उसने सुबह पड़ोसी को सूचना दी।

इसके बाद पड़ोसियों ने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में ले लिया। अब उससे पूछताछ की जा रही है। तो वहीं लाशों का पंचनामा करवा कर उनको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

 

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