रायपुर। अगर आप निजी मेडिकल कॉलेज में अपने बच्चे को एमबीबीएस की पढ़ाई कराने का मन बना रहे हैं, तो आपको अब ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। फीस विनियामक आयोग ने निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस 15 से लेकर 20 फीसदी तक बढ़ा दी है।

उस पर भी तुर्रा ये है कि इसमें हॉस्टल फीस शामिल नहीं है। तो वहीं दूसरी ओर सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। निजी मेडिकल कॉलेजों ने हालांकि फीस को बढ़ाकर 12 लाख करने का प्रस्ताव दिया था।

जानिए कौन सा कॉलेज वसूलेगा कितनी फीस:

उनकी मांग खारिज करते बढ़ोतरी की गई है। बढ़ोतरी के बाद एक साल की फीस करीब डेढ़ लाख तक बढ़ गई है। किसी कॉलेज की फीस में करीब दो लाख तक की बढ़ोतरी की गई है। फीस विनियामक आयोग ने रिम्स रायपुर, शंकराचार्य भिलाई व चंदूलाल दुर्ग निजी मेडिकल कॉलेज की फीस बढ़ाने की मंजूरी दी।

रिम्स की फीस 765750 सालाना है। अब ये बढ़कर करीब नौ लाख हो गई है। फीस में करीब सालाना एक लाख 34 हजार तक की बढ़ोतरी हो गई। सबसे ज्यादा फीस वृद्धि शंकराचार्य दुर्ग में की गई है। अभी यहां फीस करीब 7 लाख चौहत्तर हजार के आस-पास है।

ये बढ़कर नौ लाख 67 हजार तक पहुंच गई है। यानी सालाना 1 लाख 90 हजार तक की बढ़ोत्तरी की गई है। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की फीस 7 लाख सतत्तर हजार से 9 लाख उन्नहीस हजार के आस-पास हो गई है। सीएम कॉलेज को नए सत्र के लिए जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है। तीनों कॉलेजों के लिए बढ़ाई गई फीस तीन साल के लिए लागू होगी।

कॉलेज प्रबंधन ने बताया ये कारण:

इसके बाद सुविधाओं के हिसाब से फिर फीस बढ़ाई जाएगी। कॉलेजों ने सुनवाई के दौरान आयोग से 12 लाख रुपए तक फीस बढ़ाने की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

कॉलेज प्रबंधनों का कहना था कि खर्च बढ़ने के कारण वर्तमान फीस में कॉलेज का संचालन मुश्किल हो रहा है। इसलिए फीस बढ़ाई जाए। आयोग ने मध्यप्रदेश व ओडिशा की फीस का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए 15 से 20 फीसदी फीस बढ़ाने का निर्णय लिया।

पंजीयन के लिए एक लाख फीस :

निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को पंजीयन के दौरान एक लाख रुपए जमा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वे एडमिशन के लिए पंजीयन ही नहीं करा पाएंगे। सरकारी कॉलेजों में पंजीयन के लिए केवल 10 हजार रुपए जमा करना होगा।

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों के अनुसार यह फीस सुप्रीम कोर्ट ने तय की है। प्रदेश में पांच सरकारी व दो निजी कॉलेजों में नए सत्र के लिए आॅनलाइन काउंसिलिंग शुरू हो गई है।

जो मेरिट में नीचे हैं, उन्हें निजी मेडिकल कॉलेज की सीट मिलती है। ऐसे में कई छात्र चाहकर भी एक लाख रुपए जमा नहीं कर पा रहे हैं। शनिवार को रंजना व प्रकाश आॅनलाइन पंजीयन करना चाहते थे, लेकिन एक लाख रुपए बैंक में जमा नहीं होने के कारण वे पंजीयन नहीं करा पाए। अब वे पंजीयन के लिए ही किसी से उधार मांगना चाहते हैं।

 

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