रायपुर। राजधानी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। आज से उन्होंने आपातकालीन सेवा भी बंद कर दी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि जूनियर डॉक्टरों की मांगे जायज है। वे काफी सालों से अपनी मांग रख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जूनियर डॉक्टरों को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वित्त विभाग में ही उनका मामला अटका है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन तो किया है। मगर साथ ही उन्होंने अपील की है कि इमरजेंसी सेवाएं इससे प्रभावित न करें। आपको बता दें कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते 2 दिनों में करीब 30 से ज्यादा सर्जरी टाल दी गई है। आपको बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने सीएम से भी मिलने का समय मांगा था। मगर उन्हें समय नहीं मिल पाया जिसके बाद जूडा ने आज से इमरजेंसी सेवा भी बंद करने का फैसला कर लिया।

 जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगें

– डॉक्टरों की सुरक्षा

– वेतन में बढ़ोतरी

– स्वास्थ्य का बजट बढ़ाने

– सीसीयू समेत ट्रामा सेंटर में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की तैनाती

– सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरा

– स्टाॅफ की कमी दूर करना

ठप्प पड़ी अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं

जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अम्बेडकर की स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह ठप्प हो गई हैं। डॉक्टरों के अभाव के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर मरीजों पर पड़ा है। बता दें कि स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।

1100 मरीज भगवान भरोसे

मेकाहारा में भर्ती करीब 1100 मरीज सीनियर डॉक्टर्स के भरोसे हैं। सीनियर डॉक्टर अस्पताल में एक समय तक ही सेवाएं दे सकते हैं। उनके बाद मरीजों का उपचार किस प्रकार होगा इसका जवाब अस्पताल प्रबंधन के पास भी नहीं है। बुधवार से ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवायें प्रभावित हुई हैं।

 

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