रायपुर। शुक्रवार को भारत की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट पेश करेंगी। उनके बजट से राजधानी की महिलाओं को क्या उम्मीदें हैं। इस बात को जानने की कोशिश में हमारी टीम ने राजधानी की तमाम बुध्दिजीवी, गृहणी, समाजसेविकाओं से बात की। आइए जानते हैं कि आने वाले केंद्रीय बजट से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं।
मूलभूत सुविधाओं पर हो जोर: सुचित्रा सिंह
भिलाई निवासी सुचित्रा सिंह ने बताया कि केंद्रीय बजट में मूलभूत सुविधाओं पर जोर होना चाहिए। इसके अलावा देश की रक्षा व्यवस्था मजबूत हो। शिक्षा व्यवस्था का एकीकरण हो। देश में सिर्फ सरकारी शालाओं में ही सभी को शिक्षा मिले। जल संरक्षण भी निहायत जरूरी है। इसके लिए भी काम होना चाहिए।
महंगाई पर नियंत्रण, शिक्षा स्वास्थ्य पर जोर: पी रुपिंद्र तिवारी
साहित्यकार पी रुपिंद्र तिवारी ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई पर तत्काल नियंत्रण किया जाना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा आंतरिक और बाह्य सुरक्षा पर भी जोर देने की जरूरत है।
महिलाओं को मिले समानता का अधिकार: उर्मिला उर्मि
महिलाओं के ई पीएफ योगदान को पिछले बजट में 12 फीसदी से घटाकर 8 किया गया था ,जिसे 7 या 6 तक लाया जाए।
समान कार्य के लिए महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन और ..नेतृत्व के लिए समान अवसर दिया जाए। किसानों और मजदूरों के लिये विशेष पैकेज की घोषणा हो। विभिन्न क्षेत्रों में शोध और नवाचार ,स्टार्ट अप्स के लिए धनराशि मे बढोतरी की जाए। शिक्षा , चिकित्सा , हवाई ,यात्रा , को जन सामान्य के बजट के अनरुप सस्ता किया जाए। महिला ,बाल विकास मंत्रालय की राशि मे बढोतरी की जाए।
जीएसटी घटाएं, बैंकों की ब्याज दर बढ़ाएं: निवेदिता गांगुली
जीएसटी की दरें काफी ज्यादा बढ़ती जा रही हैं। इन पर लगाम लगाई जाए। तो वहीं बैंकों में आम जनता के पैसे जो जमा हैं उन पर ब्याज दरें लगातार कम होती जा रही हैं। उनको बढ़ाया जाए जिससे कि लोगों को उनके जमा धन पर मुनाफा मिल सके।
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