रायपुर । विरोधियों के बढ़ते दबाव और कुपोषण से जूझ रहे बच्चों को बचाने के लिए सरकार ने नया पैंतरा अपनाया है। अंडे के फंडे(funda of eggs) को लेकर आज छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने मध्यान्ह भोजन के मेन्यू के संबंध में कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों कहा है कि दो सप्ताह में शाला स्तर पर शाला विकास समिति और पालकों की बैठक करें। ऐसे छात्र-छात्राओं को चिन्हित किया जाए जो मध्यान्ह भोजन में अण्डा(eggs) खाना नहीं चाहते हैं। मध्यान्ह भोजन तैयार करने के बाद अलग से अण्डे उबालने(boiling of eggs) अथवा पकाने की व्यवस्था की जाए। कबीरपंथ के लोगों की यही मांग थी लिहाजा वो सरकार ने पूरी कर दी।
शाकाहारी बच्चों को अलग बैठाने की व्यवस्था:
शाकाहारी बच्चों को मध्यान्ह भोजन के समय अलग पंक्ति में बैठाकर मध्यान्ह परोसा जाएगा। पत्र में कहा गया है कि जिन शालाओं में अण्डा वितरण किया जाना हो, वहां शाकाहारी छात्र-छात्राओं के लिए अन्य प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ यथा सुगंधित सोया दूध, सुगंधित मिल्क, प्रोटीन क्रंच, फोर्टिफाइड बिस्किट, फोर्टिफाइड सोयाबड़ी, सोया मूंगफल्ली चिकी, सोया पापड़, फोर्टिफाइड दाल इत्यादि विकल्प की व्यवस्था की जाएगा।
अंडे देने की आम सहमति नहीं होने पर घर पहुंचाएं :
शासकीय पत्र में यह भी उल्लिखित है कि यदि पालकों की बैठक में मध्यान्ह भोजन में अण्डा दिए जाने के लिए आम सहमति न हो, तो ऐसी शालाओं में मध्यान्ह भोजन के साथ अण्डा न देकर घर पहुंचाया जाए।
हफ्ते में दो दिन होगी इसकी व्यवस्था:
सोमवार को जारी आदेश के तहत प्रोटीन एवं कैलोरी की पूर्ति के लिए मध्यान्ह भोजन के साथ सप्ताह में कम से कम दो दिन अण्डा या दूध या समतुल्य न्यूट्रीशन मूल्य का खाद्य पदार्थ दिए जाने का उल्लेख एवं सुझाव है। चूंकि शाकाहारी परिवार के बालक एवं बालिकाएं भी शासकीय शालाओं में मध्यान्ह भोजन ग्रहण करते हैं, अत: स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सुझाव के क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्टरों को स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
इस स्पष्टीकरण के तहत स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि आगामी दो सप्ताह में शाला विकास समिति एवं पालकों की बैठक शाला स्तर पर आयोजित कराई जाए। इस बैठक में ऐसे छात्र-छात्राओं को चिन्हित किए जाने का निर्देश दिया गया है, जो मध्यान्ह भोजन में अण्डा ग्रहण नहीं करना चाहते हैं।
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