रायपुर। स्कूलों के मध्यान्ह भोजन में अंडा ( Eggs in midday meals ) परोसने को लेकर प्रदेश में अब भी विवाद जारी है। एक ओर कांग्रेस ( Congress ) की सरकार है तो दूसरी ओर कबीर पंथ के लोग हैं जो अंडा वितरण को लेकर लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को बिलासपुर में कबीर पंथ के लोगों ने प्रदर्शन भी किया था। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ( Mohan Markam ) का बयान आया है कि सरकार किसी को अंडा जबरदस्ती नहीं खिला रही है। जो बच्चे शाकाहारी हैं या अंडा नहीं खाना चाहते हैं उनके लिए विकल्प खुले हैं।

छत्तीसगढ़ के 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित

स्कूलों में अंडा वितरण को बंद कारने की मांग को लेकर कबीर पंथ समाज अड़ गया है। अब अंडे पर कबीर पंथ समाज के विरोध को लेकर छत्तीसगढ़ पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि सरकार ने स्पष्ट आदेश निकाला है कि वे किसी भी धर्म या पंथ की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) के 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। इसी उद्देश्य से शासकीय स्कूलों अंडा वितरण की योजना लाई जा रही हैं। मगर सरकार ने विकल्प के तौर पर केला और दूध को भी शामिल किया है।

बच्चों की सेहत का सवाल

इसका विरोध नही होना चाहिए। पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि यह छत्तीसगढ़  ( Chhattisgarh ) के बच्चों की सेहत का सवाल है। हमने विकल्प रखे हैं किसी को सरकार जबरदस्ती अंडा नही खिला रही है। इसका पूरा अधिकार शाला संचालन समिति को दिया गया है। शाला संचालन समिति जो निर्णय लेना चाहती है ले सकती है। निर्णय लेने के लिये सरकार ने संचालन समिति को निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में अंडा वितरण ( Eggs in midday meals ) का यह मुद्दा विधानसभा से लेकर अब सड़कों पर भी उतर आया है। कबीरपंथी समाज स्कूलों के मध्यान्ह भोजन में बच्चों को अंडे खिलाने के विरोध में सड़कों पर कल तक प्रदर्शन कर रही थी। हालांकि ऐसी खबर आ रही है कि आज ही कबीरपंथियों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया है।

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