रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ( Bharatiya Janata Party ) ने प्रदेश में एकबार फिर पुलिस हिरासत में हुई मौत ( Death in police custody ) को लेकर चिंता और आक्रोश जताया है। भाजपा ने इसे लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में पुलिस बेकाबू और बेलगाम हो गई है। पिछले छह-सात माह में आधा दर्जन से भी ज्यादा लोगों की पुलिस हिरासत में हुई मौतें इस बात की तस्दीक करती हैं।

पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली संदिग्ध
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ( Dharamlal Kaushik ) ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस ( Congress ) की सरकार आई है, पुलिस-तंत्र पूरी तरह सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया है। पुलिस ( Police ) खूंखार होकर लोगों को संदेह के आधार पर इस कदर प्रताड़ित करने में लगी है कि त्रस्त होकर संदेही मौत को गले लगा रहे हैं, या उनकी हत्या की जा रही है। इससे पहले भी पुलिस की प्रताड़ना के ऐसे भयावह किस्से प्रकाश में आ चुके हैं। कुछ मामलों में तो पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली ही इतनी संदिग्ध नजर आ रही है कि जिसे खुदकुशी का मामला बताया जा रहा है, वे प्रथम दृष्टया आत्महत्या के मामले ही नहीं लग रहे हैं। रविवार को अंबिकापुर में चोरी के मामले में सायबर सेल लाए गए दो संदेहियों में से एक पंकज की कथित आत्महत्या की बात भी गले नहीं उतर रही है।
देश में कानून का राज नहीं रह गया
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पुलिस हिरासत से पंकज के चकमा देकर भाग जाने और आत्महत्या किए जाने की पुलिसिया-स्टोरी यदि मान भी ली जाए तो भी यह बेहद चिंता का विषय है। इससे यह साबित होता है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। प्रदेश सरकार को लगातार हो रही पुलिस हिरासत ( Police Custody ) में मौतों के मामले में संज्ञान लेना चाहिए। श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल सरकार के पास प्रशासन को नियंत्रण में रखने व संवेदनक्षम बनाने का दृष्टिकोण ही नहीं है, इसलिए इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने अंबिकापुर ( Ambikapur ) प्रकरण में कार्य पर उपस्थित सभी जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर उनके खिलाफ एफआईआर ( FIR ) दर्ज कर हिरासत में मौत की धारा के तहत हत्या का मामला चलाये जाने की मांग की है साथ ही मृतक का दोबारा पोस्टमार्टम व मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने मृतक के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग भी प्रदेश सरकार से की है।