नई दिल्ली। बाल अपराधों(child crime) पर शीघ्र कार्रवाई के लिए विशेष न्यायालयों(courts) की स्थापना करना अच्छी बात है, मगर यहां पहले से ही न्यायाधीशों की कमी(lack of judges) है। ये बातें सांसद छाया वर्मा ने राज्यसभा(rajyasabha) में कही। वे राज्यसभा में लैंगिक अपराधों (Sexual offenses)से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 (पॉक्सो) पर सदन में अपनी बात रख रही थीं। चर्चा की शुरुआत में ही छाया वर्मा ने कहा कि भौतिकता के इस युग में नैतिकता का ह्रास हो रहा है। कोर्ट्स में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी है। अदालतों में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं । जो केवल न्यायाधीशों की कमी (lack of judges) की वजह से ही अटके पड़े हंै।
बच्चों के साथ अत्याचार पर जताया खेद:
छाया वर्मा ने बच्चों के यौन शोषण पर कहा कि एक तरफ तो हम चांद पर जा रहे हैं और दूसरी तरफ बच्चों के साथ अत्याचार कर रहे हैं। ऐसे कृत्यों से शर्म से हमारी नजरें झुक जाती हैं। सरकार की खामियां गिनाते हुए छाया वर्मा ने कहा कि गृह मंत्रालय में अपराधों के आंकड़े तक उपलब्ध नहीं हैं। जो धर्मगुरु विभिन्न अपराधों के आरोप में जेलों में बंद हैं, उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है, यह भी स्पष्ट नहीं है। छाया वर्मा ने कहा कि सोशल साइट पर अश्लीलता परोसी जा रही है। राज्यसभा में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 (पॉक्सो) पारित कर दिया गया है, जिसमें बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में उम्रकैद सहित रेयर मामलों में मृत्युदंड तक का भी प्रावधान किया गया है। सांसद छाया वर्मा लगातार जनकल्याण से जुड़े मुद्दे राज्यसभा में उठाती ही रहती हैं। इससे पहले भी उन्होंने छत्तीसगढ़ से संबंधित कई मुद्दे सदन के समक्ष रखे थे। तो वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अवधारणा नरवा, गरुआ, घुरुवा बाड़ी को भी इन्होंने ही सदन में रखा था। इसकी कृषि मंत्री ने जमकर तारीफ भी की थी।