रायपुर। राजधानी के बीच बनाए जा रहे विवादास्पद स्काई वॉक (Sky walk)को लेकर आज महानदी भवन में हाई पॉवर कमेटी(High power committee) की बैठक भी खाली टॉक तक ही सीमित रह गई। मुख्य सचिव सुनील कुजूर की अध्यक्षता में हुई बैठक में खाली सुझावों तक ही सीमित रह गई।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद:
मंत्रालय में हुई बैठक में एक्सपर्ट, पीडब्ल्यूडी व टाउन एंड कंट्री के अफसर, कलेक्टर, कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे.। बैठक में सभी ने स्काईवॉक(Sky walk) को लेकर अलग-अलग विचार रखे, लेकिन ज्यादातर लोगों इसे फुट ओवरब्रिज (footover bridge)बनाने तो कुछ लोगों ने इसे ओवर ब्रिज (over bridge)बनाने की सलाह दी। सभी के विचारों को दर्ज करने के बाद अधिकारियों ने आगे भी बैठक कर सुझाव लेने की बात कही। इसके बाद बैठक समाप्त हो गई। जो लोग इस बैठक से बड़ी-बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे थे उनको कुछ भी नहीं हासिल हुआ, सिवाय इंतजार के।

क्या है स्कॉईवॉक प्रोजेक्ट:– 2016-17 में शास्त्री चौक से करीब दो किमी की चाल में स्कॉय वॉक का काम शुरू हुआ।
– 48 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर जारी किया गया लखनऊ की एक्सप्रेस वे निर्माण एजेंसी को, जो आगे इसकी कीमत बढ़ती गई जो 70 करोड़ तक पहुंच गई है।
– 2018 के जून महीने तक हर हाल में स्कॉय वॉक बनाने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन एजेंसी पिछड़ गई।
– 11 वें महीने में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की नई सरकार ने निर्माण पर रोक लगाया, राय शुमारी तय की।
– 05 महीने बाद लोक निर्माण विभाग को सीएम हाउस से चिट्ठी मिली। बताया गया कि दोबारा सर्वे फिर निर्माण होगा।
– दोबारा सर्वे का काम अब पूरा हो चुका है, साथ ही जनता से भी इस बारे में रायशुमारी की जा रही है।
आज हुई बैठक में भी इस मामले को लेकर सरकार असमंजस में ही दिखाई पड़ी। कोशिश यही हो रही है कि इसको तोड़ने से पहले जनता का विश्वास हासिल कर लिया जाए। ऐसे में देखना यही होगा कि कांग्रेस अपने इस मिशन में कितनी कामयाब होती है।

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