विजेंद्र कटरे के नियुक्ति आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर। आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के राज्य नोडल एजेंसी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर 11 जून 2019 को जारी विजेंद्र कटरे (Vijendra Katre) के नियुक्ति आदेश पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने रोक लगा दी है। बता दें कि कटरे की नियुक्ति की पूरे स्वास्थ्य विभाग (Chhattisgarh Health Department) में जबरदस्त चर्चा रही है। आपको बता दें कि मंत्रालय में कटरे की नियुक्ति को हाई प्रोफाइल माना जा रहा है।

एमबीबीएस और एमडी (कम्युनिटी मेडिसिन) की डिग्री थी जरूरी

विजेंद्र कटरे (Vijendra Katre) की नियुक्ति शुरू से ही विवादों में रही है। विजेंद्र कटरे की नियुक्ति को लेकर काफी समय से स्वास्थ्य महकमे में घमासान मचा हुआ है। उनकी योग्यता को लेकर सोशल एंड आरटीआई एक्टिविस्ट उचित शर्मा ने शिकायत भी की थी। दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) के तहत एडिशनल सीईओ के पद हेतु एमबीबीएस और एमडी (कम्युनिटी मेडिसिन) की डिग्री की योग्यता निर्धारित है। या फिर अभ्यार्थी को एमबीबीएस और पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट में 10 साल का अनुभव होना चाहिए। जबकि विजेंद्र कटरे के पास डेयरी टेक्नाेलॉजी में ग्रेजुएशन की योग्यता है।शासन ने जब नियमों को ताक पर रखकर कटरे की नियुक्ति का आदेश जारी किया तब उचित शर्मा ने अधिवक्ता विकास दुबे के माध्यम से इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगा दी और आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि किस तरह बिना एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री के ही इस महत्वपूर्ण पद पर कटरे को मनमाने तरीके से नियुक्ति दे दी गई।जिसकी सुनवाई 24 जुलाई को हुई। मेरिट के आधार पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कटरे की जॉइनिंग पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दिया है। हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया है कि विजेंद्र कटरे को बगैर हाईकोर्ट की अनुमति के कार्यभार ग्रहण न करने दिया जाए। हाईकोर्ट ने विजयेंद्र कटरे को विशेष दस्ती नोटिस जारी किया है और शासन को तीन सप्ताह के भीतर मामले में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मामले की अगली सुनवाई 1 सितम्बर2019 को होगी। प्रदेश मे सैकड़ो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को नज़र अंदाज़ करके इतने महत्वपूर्ण योजना को अयोग्य व्यक्ति के हवाले करने से रोकने के लिए अधिकार पृच्छा याचिका दायर की गई है।

क्या है अधिकार पृच्छा याचिका?

जब किसी लोक सेवा के पद पर किसी अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति हो तो उच्च न्यायालय को यह अधिकार होता है कि उसकी न्यायिक समीक्षा और पड़ताल कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत राज्य को निर्देश देती है और अधिकार पृच्छा का रिट जारी कर नियुक्ति को रद्द कर सकती है।

 

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