रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने हरेली तिहार (Hareli Tihar) पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि आज के समय की चुनौती है कि हम अपने संस्कृति को बचाएं।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में कहा है कि
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सब्बो निवासी मन ला हरेली तिहार (Hareli Tihar) के बहुत बहुत बधाई। उन्होंने कहा हमर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कृषि संस्कृति के अनुसार हरेली हा पहली तिहार ए। गांव-गंवई के जिनगी मा खेती के स्थान महतारी असन होथे। खेती हा महतारी असन हमर भरन पोसन करथे। एखरे सेती सावन के अमावस के ए तिहार हा जन जन के जिनगी से जुड़ जाथे।
मुख्यमंत्री (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने कहा हरेली (Hareli Tihar) हा हमर धरती माता के हरियाली के संदेस लेके आथे, अउ संग में हमर संस्कृति के संदेस घलो लेके आथे। हमर सामने ए समय चुनौती हे कि हम अपन संस्कृति ला कइसे बचाबो। आप मन के सरकार हा इही बात ला सोच के हरेली तिहार के छुट्टी देके फैसला करीस हे। आवव, हम अपन परंपरा ला, नवा जीवन देबर हरेली ला खूब धूम धाम से मनावन। गोठान के साफ सफाई करन. गऊ माता अउ पसुधन के जतन करन। नांगर, रापा, कुदारी के पूजा करन अउ गुड़-चीला के भोग चढ़ावन, लइका-जवान मन गेंड़ी चढ़ैं। गांव देहात के पारंपरिक खेल कूद के आयोजन करन, हरेली के रंग ला उत्साह ले भरना हे।
मुख्यमंत्री (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने कहा भाई बहिनी अउ सब्बो सियान मन से मनुहार करत हंव कि आवव एक नवा सुरुआत करन अउ हरेली ला हम अपन बर अउ नवा पीढ़ी बर छत्तीसगढ़ के संस्कृति के पहिचान बनावन। हमन छत्तीसगढ़ म नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना सुरु करे हन, उखरो उद्देस्य इही हे। मोला विस्वास हे कि इही योजना हा छत्तीसगढ़ के चारो चिन्हारी ला फेर से जीवन दीही अउ हम सबके सपना साकार होही।