नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर( Jammu-Kashmir )में धारा 35 ए (Section 35A) हटाने की बात पर बवाल मचा हुआ है। कट्टरपंथियों (Fundamentalists) के साथ-साथ राजनीतिक दलों (Political parties) को भी ये बात पच नहीं रही(Not digested) है। तो वहीं सेना ने 100 कंपनियां (100 Companies deploy) तैनान करने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें से अर्धसैनिक बलों की(Of paramilitary forces) 100 कंपनियां पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। बाकी सौ कंपनियों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा वायुसेना को आपरेशनल अलर्ट पर रखा गया है। तो वहीं जवानों की जल्दी तैनाती को लेकर ग्लोबमास्टर सीजे-130 विमान (Globemaster CJ-130 aircraft) का इस्तेमाल किया जा रहा है।

श्रीनगर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत :

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं। घाटी में इस हलचल के बीच कुछ बड़ा होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दरगाहों, मस्जिदों और कुछ अदालतों से भी सुरक्षा हटाई गई है। यहां तैनात जवानों को अपने जिलों की पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने को कहा गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात कुछ जवान भी दूसरी जगह भेजे जा रहे हैं। राज्य में अमरनाथ यात्रा 4 अगस्त तक स्थगित है। सरकार ने खराब मौसम को इसकी वजह बताया था। हालांकि, मौसम विभाग ने ऐसे किसी बड़े बदलाव का पूवार्नुमान नहीं लगाया है।

डोभाल के लौटते ही बढ़ी तैनाती:
मोदी सरकार ने करीब हफ्तेभर पहले भी 10 हजार अतिरिक्त जवान घाटी में भेजे थे। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के बाद लिया गया था। तब गृह मंत्रालय ने कहा था कि घाटी में आतंक विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने के लिए सुरक्षाबलों की कंपनियां तैनात की जा रही हैं।

अनुच्छेद 35ए हटाने की कोई योजना नहीं : राज्यपाल

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर से अनुच्छेद 35ए हटाने की अटकलों को खारिज किया । पिछले दिनों फारूक अब्दुल्ला समेत जम्मू-कश्मीर के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे। इससे पहले उन्होंने घाटी के मौजूदा हालात पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा की थी।

जानिए क्या है धारा 35 ए:
अनुच्छेद 35 ए से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है। इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे।
लगाई कब गई थी ये धारा:
14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35अ जोड़ दिया गया।
नहीं खरीद सकते जमीन:
बहुत कम लोगों को पता है कि अनुच्छेद 35ए, धारा 370 का ही हिस्सा है। इस धारा की वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।
संविधान में जिक्र नहीं:
आपको जानकर हैरानी होगी कि संविधान की किताबों में न मिलने वाला अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को यह अधिकार देता है कि वह ‘स्थायी नागरिक’ की परिभाषा तय कर सके। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 35 ए को 14 मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जगह मिली थी। संविधान सभा से लेकर संसद की किसी भी कार्यवाही में, कभी अनुच्छेद 35ए को संविधान का हिस्सा बनाने के संदर्भ में किसी संविधान संशोधन या बिल लाने का जिक्र नहीं मिलता है। अनुच्छेद 35ए को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत प्राप्त शक्ति का इस्तेमाल किया था।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें और Twitter पर Follow करें
एक ही क्लिक में पढ़ें The Rural Press की सारी खबरें