नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) बौखला गया है। उसने भारत सहित दुनिया के देशों को धमकी दी है। मंगलवार को अपने पार्लियामेंट के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने खुले तौर पर धमकी दी कि भारत में पुलवामा जैसा अगर हमला हुआ तो इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं होगा।

इमरान खान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पर भारत सरकार के इस फैसले से हालात और गंभीर होंगे। देश में पुलवामा जैसे आतंकवादी हमले हो सकते हैं। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता का अनुरोध उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किया था। इमरान ने कहा, ‘कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत बंद है और इसे देखते हुए मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मध्यस्थता करने का अनुरोध किया।’

कश्मीर अब बहुत गंभीर मसला बन गया है

इमरान (Imran Khan) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले को वह दुनिया के सभी मंच पर उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘इस मसले को हम संयुक्त राष्ट्र, दुनिया के देशों सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएंगे। इमरान ने आगे कहा, ‘बिश्केक सम्मेलन के बाद मुझे इस बात का अंदेशा हो गया था कि भारत सरकार कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकती है। जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार ने अचानक फैसला नहीं किया बल्कि यह इनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था। भाजपा की विचारधारा आरएसएस के नजरिए पर आधारित है। मोदी सरकार पूरी तरह से अपनी विचारधारा पर चल रही है। कश्मीर अब बहुत गंभीर मसला बन गया है।’

आज कार्रवाई नहीं करेगी तो भारत और आगे जाएगा

पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम ने कहा कि दोनों देशों के बीच पारंपरिक युद्ध अगर हुआ तो पाकिस्तान के पास दो रास्ते बचेंगे। एक रास्ता होगा कि हम हार मानने के लिए अपने हाथ खड़े कर दें और दूसरा रास्ता होगा कि हम आखिरी खून तक लड़ते रहें। उन्होंने कहा कि दुनिया आज कार्रवाई नहीं करेगी तो भारत और आगे जाएगा।’ इमरान ने धमकी भरे लहजे में कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में स्थिति यदि गंभीर हुई तो उसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं होगा।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पर भारत सरकार ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा युक्त केंद्रशासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख विधानसभा रहित केंद्रशासित राज्य होगा। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। अनुच्छेद 370 (Article 370) के समाप्त हो जाने पर अब जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हो सकेगा। अब बाहरी प्रदेश के लोगों को वहां की सरकारी नौकरियां मिल सकेगी और वे अपनी लिए जमीन खरीद सकेंगे।

 

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