रायपुर। नया रायपुर स्थित नागरिक आपूर्ति निगम छत्तीसगढ़ (Civil Supplies Corporation Chhattisgarh) के दफ्तर पर ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने गुरूवार को पुनः दबिश दी है। अधिकारियों द्वारा नान घोटाले (NAN Scam Chhattisgarh) से जुड़े अहम दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। EOW से मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले भी कुछ फाइल ले गए थे उनका अध्ययन किया गया जिसके आधार पर कुछ और फाइलों की जरूरत महसूस हुई।

डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में यह दल पहुंचा नान के दफ्तर (Civil Supplies Corporation) पर पहुंचे हैं। फिलहाल 5 से ज्यादा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई जारी है। बता दें कि नान घोटाले (NAN Scam Chhattisgarh) के मामले में ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। नान घोटाला मामले में डीजी मुकेश गुप्ता (Mukesh Gupta) और एसपी रजनेश सिंह (Rajnesh Singh) को निलंबित किया गया है। दोनों पर नान घोटाला मामले पर फोनटेप करने के साथ सबूतों में छेड़छाड़ करने का आरोप है।

गौरतलब है कि यह मामला 2015 में सामने आया था जब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने 12 फरवरी को नागरिक आपूर्ति निगम (Civil Supplies Corporation) के कुछ बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में करोड़ों रुपए, डायरी, कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड डिस्क और डायरी भी जब्त की गई थी। इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया था।

क्या है मामला

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार की ओर से चावल मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल खरीदे गए और इसके लिए नेताओं और अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई। राशन वितरण के ट्रांसपोर्टेशन में भी बड़ी रकम का घोटाला हुआ। उस समय इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 16 जूनियर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई, जबकि दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई थी।

 

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