रायपुर। फर्जी जाति  प्रमाण पत्र (Fake caste certificate) मामले में सरकार कार्रवाई के मूड में है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel)  साफ कर चुके हैं कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र (Fake caste certificate) के आधार पर न तो नौकरी कर सकेंगे न ही नेतागिरी। आपको बता दें कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Former CM Ajit Jogi) और उनके पुत्र अमित जोगी (Amit Jogi) समेत 13 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले में जांच जारी है।

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर श्री बघेल (CM Bhupesh Baghel)  ने साफ कह दिया है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जांच प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक माह का समय दिया है। इसके बाद से आदिम जाति कल्याण विभाग में हलचल मच गई है। इतना ही नहीं स्वयं विभागीय मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह (Dr. Premasay Singh) भी इस मामले में विशेष रूचि ले रहे हैं।

400 से अधिक कर्मचारियों की चल रही जांच

आपको बता दें कि प्रदेश में 4 सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र (Fake caste certificate) के सहारे नौकरी करने की शिकायत की जांच की जा रही है। वहीं 13 जनप्रतिनिधि ऐसे हैं जिनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे चुनाव लड़ने का आरोप है। इसकी जांच की जा रही है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Former CM Ajit Jogi) और उनके पुत्र अमित जोगी (Amit Jogi) भी हैं। जोगी मरवाही से विधायक हैं और अमित पूर्व विधायक हैं। दोनों के ही अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र  की जांच की जा रही है।

आपको बता दें कि अजीत जोगी (Former CM Ajit Jogi) के खिलाफ मुख्यमंत्री रहते ही शिकायत हुई थी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामला चला। आखिरकार छानबीन समिति को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ वर्ष-2011 में दोबारा शिकायत हुई थी। इसी तरह अमित जोगी (Amit Jogi) के खिलाफ वर्ष-2017 में शिकायत हुई है।

इनके खिलाफ भी है मामला

नमिता बंसल-जनपद सदस्य, शकीला बेगम-नगर पंचायत अध्यक्ष, शाहीना मेनन-नगर पंचायत अध्यक्ष, बूट सिंह-सरपंच, शिवकुमार सवरिया-सरपंच, संतोष कुमार उइके, तेलदास-सरपंच, रमेश कुमार-सरपंच, संतोष कुमार दास-सरपंच, अवधेश कुमार-पार्षद, मुमताल अंसारी-पार्षद के खिलाफ भी जांच की जा रही है।

 

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