नई दिल्ली। सिक्किम (sikkim) में आज बीजेपी (BJP) का सिक्का फिर से उस वक्त जम गया, जब सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी (SDF)के 10 विधायक उसमें शामिल हो गए।
यहां हम आपको ये भी बता दें कि सिक्किम (sikkim) विधानसभा चुनाव में पवन कुमार चामलिंग की पार्टी एसडीएफ के 15 विधायक जीते थे। इसमें से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इस वक्त राज्य में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की सरकार है । प्रेम सिंह तमांग यहां के चीफ मिनिस्टर हैं।

कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने हुए शामिल:
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) के 10 विधायक बीजेपी(BJP) कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव राम माधव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इस साल मई में हुए चुनाव में 32 विधानसभा सीटों में 15 पर एसडीएफ ने जीत हासिल की थी। पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग समेत 5 विधायकों को छोड़कर सभी विधायक बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए। इससे पहले गोवा कांग्रेस के 10 विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी (BJP) का हाथ थामा था। उस वक्त कर्नाटक कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर की सरकार गिरने के करीब थी, उसी वक्त कांग्रेस के 10 विधायक एक साथ बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए थे। गोवा में पहले कांग्रेस के पास संख्याबल भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा था।

क्यों नहीं लग सका दल बदल कानून:
कांग्रेस के पास के कुल 15 विधायक थे, उनमें से 10 विधायक बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए थे। 2 तिहाई से ज्यादा संख्या होने की वजह से इन विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं हो सका था। सिक्किम में पिछले 25 साल से एसडीएफ की सत्ता थी लेकिन इस साल मई में हुए चुनाव में पवन चामलिंग की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था।

 

मुख्यमंत्री प्रेम तमांग की बढ़ी मुश्किलें:
मुख्यमंत्री प्रेम तमांग भी अभी खासी मुश्किल में हैं। उन्हें चुनाव लड़ने पर बैन चुनाव आयोग की तरफ से किया गया है। उनको भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (chiefminister of Sikkim Prem Singh Tamang) ने चुनाव आयोग से उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराये जाने के बाद आयोग से उनको माफ करने का अनुरोध किया था। उन्हें अपने पद बने रहने के लिए मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव लड़ना होगा। उन्हें 1990 के दशक के भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया और वह 2017 से एक साल के लिए जेल में थे।

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