नेशनल डेस्क। देश को जल्द ही नया संसद भवन मिलने वाला है। इसी महीने संसद भवन का उद्घाटन हो सकता है। सूत्रों की मानें तो नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। नए संसद भवन का कामकाज लगभग पूरा हो चुका है।

बता दें कि 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल की शपथ ली थी, फिर उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ 30 मई को ली थी। ऐसे में उनके कुल कार्यकाल के नौ साल पूरे होने पर नए संसद भवन का बड़ा भव्य उद्घाटन हो सकता है। इसके लिए सुरक्षा के कड़े और नए इंतज़ाम किए जाएंगे। इससे पहले मार्च महीने में पीएम मोदी ने अचानक नए संसद भवन का मुआयना किया था और कामकाज देखा था। उन्होंने यहां एक घंटे से अधिक समय तक हर एक चीज़ का ब्योरा लिया उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजुद रहे थे।

10 दिसंबर 2020 को रखी थी आधारशिला

पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी और गुरुवार को पीएम नए संसद भवन का काम देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संसद के दोनों सदनों में मिलने वाली सुविधाओं को भी देखा। पीएम ने निर्माण के काम में लगे श्रमिकों से भी बातचीत की।

नए संसद भवन की खासियत?

जानकारी के मुताबिक, यह कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 2020 में 861.9 करोड़ रुपये में दिया गया था। जिसकी बाद में लागत करीब 1,200 करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई थी। नए संसद भवन में लोकसभा फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर रखा गया है। नया भवन पुराने संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर बड़ा है।

भूकंपरोधी है ये भवन

इतना ही नहीं ये भवन पूर्ण रूप से भूकंपरोधी है, जिसका डिजाइन ‘HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ ने तैयार किया है, इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं। संसद के नए भवन में एक बार में 1200 से ज्यादा सांसदों के बैठने की सुविधा दी गई। इसमें 888 सांसद लोकसभा में और 384 सांसद राज्यसभा में बैठ सकते हैं। नए भवन में एक सुंदर संविधान कक्ष भी बनाया गया है।

यह नया संसद भवन 13 एकड़ में बना है। ये राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित है। सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत बने संसद में चार मंजिला इमारत है जिसमें लाउंज, लाइब्रेरी, कमेटी हॉल, कैंटीन और पार्किंग की सुविधा भी दी गई है।

क्यों बनाया जा रहा नया संसद भवन?

दरअसल, देश का मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था और मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है जिसकी उसकी स्थिति भी धीरे धीरे बिगड़ रह रही है। नया संसद भवन का निर्माण इसलिए भी किया गया क्योंकि लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त सीट नहीं है। जिसके चलते संसद भवन की बिल्डिंग बनाई जा रही है।

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