रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल (Additional Chief Secretary R.P. mandal) ने आज सुराजी ग्राम योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की प्रगति और मनरेगा, वृक्षारोपण कार्य सहित विभिन्न बिंदुओं पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग के कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और वन मण्डलाधिकारियों की संयुक्त बैठक ली।

रायपुर के न्यू सर्किट हाऊस में आयोजित इस बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी (Principal Chief Conservator of Forests Rakesh Chaturvedi), रायपुर संभाग के कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र, दुर्ग संभाग के कमिश्नर दिलीप वासनीकर सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

प्रदेश में 1900 गौठानों का लोकार्पण हुआ

आर.पी. मण्डल (Additional Chief Secretary R.P. mandal) ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। हाल ही में प्रदेश में 1900 गौठानों का लोकार्पण हुआ है। इनमें से अधिकांश गौठान काफी अच्छे बने है और आदर्श रूप से बनायें गये हैं। अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary R.P. mandal) ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच इसके माध्यम से जल संरक्षण, पशु संवर्धन, जैविक कंपोस्ट, के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की है।

वर्मी कम्पोस्ट  के उपयोग को बढावा दें

उन्होंने इन गौठानों के बेहतर से बेहतर संचालन के लिए कलेक्टर (Collector), मुख्य कार्यपालन अधिकारी (Chief Executive Officer) और वन मण्डलाधिकारी साथ मिलकर पूरे समन्वय से कार्य करने और इसके लिए स्थानीय नागरिकों का भी पूरा सहयोग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए फील्ड से नियमित रूप से फीडबैक प्राप्त करने तथा गौठानों से चारवाहों और महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ने और वर्मी कम्पोस्ट  के उपयोग को बढावा देने को कहा।

आर.पी. मण्डल (Additional Chief Secretary R.P. mandal) ने कहा कि चारा उत्पादन की दृष्टि से वर्षा ऋतु उपयुक्त है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 1560 चारागाहों में फोडर लगाने का कार्य करें। बाडी योजना के तहत प्रदेश में 1 लाख 34 हजार बाड़ियों का चयन किया गया है। इसी तरह 1 लाख 28 हजार नालों का चयन वाॅटर रिर्चाजिंग के लिए किया गया है। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी आदि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से बाड़ियों के विकास करने तथा मनरेगा के माध्यम से नालों की रिर्चाजिंग का कार्य शुरू करने को कहा।

अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary R.P. mandal) ने आगामी तीन महिने में हर जिले में वनोपजों के प्रसंस्करण सेंटर के लिए वर्कशेड का निर्माण करने को कहा, जिससे जिले के वनोपजों और लघु वनोपजों का ज्यादा से ज्यादा दोहन हो सके और उनके मूल्य संवर्धन का कार्य हो सके। और इसके माध्यम से लोगों को आजीविका एवं आय के साधन बढायें जा सकें। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि इसके लिए प्राथमिक समिति स्तर तक वनोपजों के संग्रहण के लिए स्टोरेंज बढानें पर भी जोर दिया जा रहा है।

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