नई दिल्ली। हमारी परमाणु पॉलिसी ” No Firs Use” है, भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। पोखरण (Pokhran) की धरती पर ये बातें आज देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh)ने कही। वे आज पोखरण(Pokhran) में  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) की पहली पुण्यतिथि पर उनको श्रध्दांजलि देने के बाद कही। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने आगे कहा कि मारी परमाणु पॉलिसी ” No Firs Use” है ‘। यह एक संयोग है कि आज मैं जैसलमेर में इंटरनेशनल आर्मी स्काउट कम्पीटिशन के लिए आया था और आज ही अटल बिहारी वाजपेयी(Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) की पहली पुण्यतिथि है। इसलिए, मुझे लगा कि मुझे पोखरण(Pokhran) की धरती पर ही उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए।


इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण (Nuclear test in Pokhran) किया गया था। उन्होंने एक-एक कर कई परमाणु परीक्षण (Nuclear test in Pokhran) कर के पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इसके बाद अमेरिका सहित तमाम देशों ने भारत पर मनमाने ढंग से प्रतिबंध लादे थे। रूस और ईरान जैसे देश उस वक्त भी भारत के साथ खड़े नजर आए थे।

क्या हैं इस बयान के संकेत:
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Defense Minister Rajnath Singh) ने पाकिस्तान की सरकार को ये संदेश देने की कोशिश की है कि सिर्फ उन्हीं के पास परमाणु हथियार(nuclear weapon) नहीं हैं। भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न मगर एक बेहद जिम्मेदार राष्ट्र है। ऐसे में अगर उसको मजबूर किया गया तो फिर वो भी परमाणु हथियारों(nuclear weapon) का उपयोग करने पर बाध्य होगा। बार-बार पाकिस्तानी हुक्मरान भारत पर खुलेआम परमाणु हमले की धमकियां दिया करते हैं। ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान का परमाणु हथियार (nuclear weapon)देश के पास न होकर आतंकवादियों के ही हाथों में चला गया हो। आतंकी हाफिज सईद तो ऐसे दावे करता है जैसे सारे परमाणु हथियार उसकी जेब में धरे हों। ऐसे में भारत को ऐसा बयान देने की जरूरत पड़ी।

इमरान बता रहे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने संबंधी कदम को ‘‘अवैध’’ करार दिया था और कहा था कि यह परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और अधिक बिगाड़ेगा। जियो न्यूज ने सोमवार को पाक विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के हालात पर अपने मलेशियाई समकक्ष महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। इमरान खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा था कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है।

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